नगर निगम परिसर में 9 करोड़ रुपये की लागत से डेढ़ सौ साल पुरानी धरोहर का हो रहा कायाकल्प
– महाकुम्भ 2025 से पहले ऐतिहासिक भवन बनकर होगा तैयार
– नगर निगम के प्रयास से संगम नगरी को मिली एक और धरोहर
प्रयागराज : बात जब प्रयागराज की हो तो जेहन में सांकृतिक धरोहर, कला और संस्कृति का नाम आता है । संगम नगरी में कई ऐसी एतिहासिक धरोहर हैं, जो शहर का मान बढ़ा रही हैं । जल्द ही इनमें नगर निगम परिसर स्थित भवन का नाम भी शामिल होगा, जिसके जीर्णोद्धार का कार्य प्रयागराज नगर निगम द्वारा करवाया जा रहा है । ब्रिटिशकाल में सन् 1865 के करीब संगम नगरी में बने सबसे पुराने ‘ग्रेट नॉर्दर्न’ होटल और बाद में नगर निगम कार्यालय में तब्दील इस 150 वर्ष से अधिक पुराने भवन का 9 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है । कायाकल्प के बाद प्रयागराजवासियों समेत महाकुंभ में आने वाले पर्यटक भी यह ऐतिहासिक भवन देख सकेंगे ।
इस ऐतिहासिक इमारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू करते थे बैठक
1930 के दशक में ब्रिटिश सरकार ने इस भवन को प्रशासनिक भवन में तब्दील कर दिया था । इसी ऐतिहासिक इमारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में 1925-27 के दौरान नगर परिषद की बैठकें होती थीं। प्रयागराज नगर निगम के मुख्य अभियंता सतीश कुमार ने बताया कि दिसंबर 2020 में नगर निगम के भवन में एक कमरे की छत गिर गई थी, जिसके बाद इस पूरे भवन को गिराकर नया भवन बनाने पर विचार किया गया था । इस डेढ़ सौ साल से अधिक पुराने भवन को गिराने से पहले पुरातत्व विभाग से राय ली गई । एएसआई, एमएनआईटी प्रयागराज और आईआईटी मुम्बई से इस भवन के विषय में परामर्श लिया गया। 2020-21 में एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम की इस बिल्डिंग को धरोहर बताते हुए इसका संरक्षण करने की सलाह दी गई ।
हटाए गए सीमेंट के प्लास्टर, निकाले गए खिड़की-दरवाजे
मुख्य अभियंता सतीश कुमार ने बताया कि 150 वर्ष पहले इस भवन का निर्माण ईको फ्रेंडली चीजों से करवाया गया था, इसलिए अब इसका कायाकल्प इन्हीं चीजों से करवाया जा रहा है । इस भवन में पहले मरम्मत के दौरान जो भी नई चीजें लगाई गई थीं, जैसे सीमेंट का प्लास्टर, फर्श की टाइलें, खिड़कियां-दरवाजें, उन्हें अब हटाया जा रहा है, ताकि भवन को असली स्वरूप में वापस लाया जा सके । इससे भवन का तापमान प्राकृतिक रूप से ठंडा रहेगा और गर्मी में भी एयर कंडीशनर का कम इस्तेमाल किया जाएगा । यह तरीका पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है । मुंबई की सवानी हेरिटेज जीर्णोद्धार का काम कर रही है, जो महाकुम्भ 2025 के पहले पूरा होने की उम्मीद है । इसके बाद इस भवन में ‘फसॉड लाइटिंग’ भी लगवाई जाएंगी । महाकुम्भ में आने वाले पर्यटक इस ऐतिहासिक भवन को एक नए कलेवर में देखेंगे ।
अलग-अलग राज्यों से मंगवाई जा रही है निर्माण सामग्री
नगर निगम के अवर अभियंता राम सक्सेना ने बताया कि नगर निगम के इस पुराने भवन का जीर्णोद्धार, पुराने जमाने में निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से किया जा रहा है । निर्माण सामग्री के लिए लाइम मध्य प्रदेश कटनी से और बाकी चीजें अलग-अलग राज्यों और लोकल मार्केट से मंगवाई जा रही हैं । सीमेंट बालू की जगह चूना, सुरखी, बालू, बेल गिरि, गुड़, उड़द की दाल, गुगुल और मेथी के मिश्रण से निर्माण सामग्री तैयार की जा रही है । इस बिल्डिंग के विषय में रोचक बात यह भी है कि एक समय में इसी बिल्डिंग में प्रयागराज म्यूजियम हुआ करता था । म्यूजियम से जुड़े साक्ष्य अब भी इस बिल्डिंग में मौजूद हैं ।
शहर की सुन्दरता को लगेंगे चार चाँद, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
महापौर गणेश केसरवानी ने बताया कि प्रयागराज नगर निगम के इस भवन का निर्माण सन् 1865 के आस-पास लॉरीस नाम की कंपनी ने करवाया था और इसे ‘ग्रेट नॉर्दर्न’ होटल नाम दिया था । यह सिर्फ एक इमारत का जीर्णोद्धार नहीं, बल्कि शहर के इतिहास और संस्कृति का पुनर्जीवन है । नगर निगम का यह प्रयास न केवल शहर की सुंदरता में चार चांद लगाएगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा ।
यह भवन प्रयागराज की धरोहर है, इसे संरक्षित रखने की पहल नगर निगम ने की है । महाकुम्भ से पहले इस भवन के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो जाएगा । अपने नए रंग रूप में यह भवन पर्यटकों को आकर्षित करेगा ।
– नगर आयुक्त चंद्रमोहन गर्ग