गति शक्ति इकाई में इंजीनियरिंग, सिगनल एवं दूरसंचार और वित्त विभागों के कर्मचारी काम करेंगे। कार्यों को गति देने के लिए अनुभवी रेलकर्मियों को शामिल किया जाएगा। एनसीआर समेत सभी जोनल रेलवे को सेवानिवृत्त रेलकर्मियों की योग्यता से हिसाब से उनकी पुनर्नियुक्ति करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत रिटायर्ड सुपरवाइजरों की भर्ती होगी। इन सभी को तय मानदेय पर भुगतान किया जाएगा। इन सुपरवाइजरों के अनुभवों के जरिये रेलवे अपने लंबित कामों को तेजी से निपटाएगा। इस बारे में एनसीआर के सीपीआरओ डॉ. शिवम शर्मा का कहना है कि गति शक्ति यूनिट गठन करने के पीछे मंशा है कि लंबित कार्यों को गति मिले। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में उत्तर रेलवे के लखनऊ, वाराणसी आदि मंडल के डीआरएम को उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक (पी) अजय कुमार पाठक ने आदेश जारी करके कहा है कि जल्द ही गति शक्ति यूनिट का गठन करके भर्ती शुरू की जाए। इसमें उन सेवानिवृत्त रेलकर्मियों की भर्ती होगी, जिनकी उम्र 64 वर्ष छह महीने से कम हो। : रिटायर्ड रेलकर्मियों को फिर मिलेगा रेल सेवा का मौका

रेलवे में रिटायर कर्मियों को एक बार फिर से सेवा करने का मौका मिलेगा। पीएम मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गति शक्ति यूनिट के तहत होने वाले रेलवे के तमाम कार्यों में सेवानिवृत्त रेलकर्मियों के अनुभव का लाभ लिया जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने उत्तर मध्य रेलवे जोन के प्रयागराज, झांसी एवं आगरा मंडल के डीआरएम को सेवानिवृत्त कर्मियों की पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए अधिकृत किया है।

यात्री ट्रेन और मालगाड़ियों की गतिशीलता को सुधारने और आधारभूत ढांचे के विकास में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए रेलवे बोर्ड के निर्देश पर सभी जोनल रेलवे के मंडलों पर गति शक्ति इकाई स्थापित की गई है। एनसीआर के तीनों ही मंडलों में इकाई स्थापित हो चुकी है। ताकि एनसीआर में चल रहे निर्माण व अन्य कार्यों में तेजी आए।

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