गंगा के दोनों किनारों पर औषधीय खेती को बढ़ावा देगी योगी सरकार: श्रीराम चौहान

हर मंडल में हो बड़ा पाली हाउस, यह सुनिश्चित करेगी यूपी सरकार : उद्यान मंत्री

-श्रीराम चौहान ने कहा, घरेलू उत्पादों को एक्सपोर्ट करने के प्रोत्साहन की भी सरकार बना रही योजना

उपेन्द्र राय

 

लखनऊ। किसानों की आय दोगुनी करनी है तो कृषि विभाग से ज्यादा उद्यान विभाग को सक्रिय होना पड़ेगा, यह बात शासन भी जानता है। इसको लक्ष्य में रखकर कई योजनाएं यूपी सरकार बना रही है। यूपी सरकार अब गंगा के दोनों किनारों पर औषधीय पौधों के साथ ही जैविक खेती पर जोर देगी। इसके साथ ही हर मंडल में एक बड़ा पाली हाउस हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। गांवों में कुपोषण दूर करने के लिए भी उद्यान विभाग अपनी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है। ये बातें प्रदेश के उद्यान मंत्री श्रीराम चौहान ने हिन्दुस्थान समाचार से कही।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत गांवों में महिलाओं ने मुरब्बा, अचार आदि स्थानीय उत्पाद में अपनी महत्ता को सिद्ध किया है। विभाग ने इसके लिए विशेष प्रोत्साहन दिया। कोरोना काल में इसकी महत्ता भी समझ में आयी है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि हम अब हर मंडल से विशेष उत्पादों की सूची मंगा रहे हैं। बैठक कर उसको किस तरह से एक्सपोर्ट किया जाय। इस पर भी विचार किया जा रहा है।

विभाग के कर्मचारियों की कमी दूर होगी

उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष साक्षात्कार में कहा कि उद्यान विभाग में कर्मचारियों की कमी को भी दूर किया जाएगा। इसके लिए लंबे समय से चल रहे रिक्त पदों की सूची मंगाई गयी है। जल्द ही उन रिक्तियों को भरा जाएगा। उद्यान मंत्री ने कहा कि किसानों को मधुक्खी पालन, मशरूम की खेती आदि के लिए समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता रहता है। इसके लिए प्रदेश में पांच प्रशिक्षण केन्द्र प्रयागराज, सहारनपुर, बस्ती, मलीहाबाद (लखनऊ) और झांसी में खोले गये हैं।

केला, मधुमक्खी पालन समेत अन्यों पर अनुदान

उद्यान मंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन, केला की खेती के साथ ही कई कृषि यंत्रों पर भी अनुदान दिया जाता है। भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अनुदान में पारदर्शिता लाई जाय। जहां पहले सिर्फ फाइलों में ही काम होते थे। अब वह जमीन पर दिख रहे हैं। किसान उद्यान विभाग की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

जहां शीतगृह कम हैं, वहां बनवाने के लिए कर रहे प्रेरित

श्रीराम चौहान ने कहा कि जिन जिलों में आलू के उत्पादन की अपेक्षा शीतगृह कम हैं, वहां की रिपोर्ट भी मंगाई गयी है। इसके साथ ही वहां अधिकारियों से कहा गया है कि अनुदान पर शीतगृह बनवाने के लिए प्रेरित किया जाय। पाली हाउस पर भी शासन का जोर है। इस पर सरकार पचास प्रतिशत अनुदान देती है। पाली हाउस से बिना मौसम के भी सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती है।

औषधीय पौधों पर विशेष ध्यान

उद्यान मंत्री ने कहा कि औषधीय पौधों की खेती के लिए उद्यान विभाग पहले से ही किसानों को अनुदान देता रहा है लेकिन कोरोना काल में विशेष रूप से किसान इसके प्रति जागरूक हुए हैं। अब औषधीय पौधों के प्रति किसानों का रूझान बढ़ा है। अश्वगंधा, तुलसी, सतावर आदि की खेती करने पर विभाग भी विशेष जोर दे रहा है। किसान इसके प्रशिक्षण और खेती में रूचि भी दिखा रहे हैं।

गंगा के दोनों किनारों पर औषधीय खेती को बढ़ावा

श्रीराम चौहान ने कहा कि गंगा के दोनों किनारों पर भी औषधीय पौधों की खेती पर भी विशेष बल दिया जाएगा। इसके साथ ही फूल की खेती को भी बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य योजना के तहत विभाग काम कर रहा है। कई जगहों पर गुलाब व गेंदा के फूल से किसानों की आमदनी दोगुनी हुई है। फूलों की खेती में साधारण खेती की अपेक्षा आमदनी कई गुना बढ़ जाती है, जबकि लागत बहुत कम आता है। गोंडा आदि जिलों में किसानों ने गेंदा की खेती खूब की है।

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