गंगा किनारे पड़ी गंदगी में दब गयी सरकार की गंगा बचाओ योजना

श्रृंगवेरपुर घाट में गिर रहा नाली का पानी वा फैली गंदगी धार्मिक भावनाओं को कर रहा आहत
धीरज सोनी – हर बात संवाददाता
लालगोपालगंज । हिंदू धर्म में आस्था का प्रतीक गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने के  सरकारी दावे केवल वादों  तक ही सीमित होकर रह गए हकीकत इससे कोसों दूर है स्थानीय प्रशासन गंगा की सफाई को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है। गंगा में गिर रहे गंदे नाले का पानी उसकी पवित्रता को नष्ट कर रहा है।
नमामि गंगे के तहत गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल और अविरल रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिया है लेकिन उसके बाद भी गंगा का जल दूषित होने से नहीं रोका जा सका। नवरात्र का शुभारंभ हो गया है श्रृंगवेरपुर धाम में गंगा घाट पर अवस्थाओं की भरमार है जगह जगह गंदा पानी और कीचड़ का जमा होने से श्रद्धालुओं को भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है  वही गंगा में गिर रहे नाले का पानी नमामि गंगे एवं यमुना बचाओ स्वच्छता अभियान की पोल खोलते नजर आ रहा है। बता देगी श्रृंगवेरपुर धाम वहीं प्राचीन स्थल है जहां से भगवान राम को वनवास के समय भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता समेत नाव पर बैठाकर गंगा नदी पार कराई थी सरकार की ओर से भी घाट के विकास के लिए करोड़ों खर्च किए गए हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते घाट पर फैली बदइंतजामी श्रद्धालुओं को मुंह चिढ़ा रही है घाट पर लगा कूड़े का अंबार कीचड़ और जलजमाव ने परेशानी में इजाफा किया है। तुलसी साहित्य प्रचार समिति के उपाध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने बताया कि समस्या को लेकर कई बार हुक्मरानों से समस्या के समाधान की मांग किया गया है लेकिन दिक्कत जस की तस बनी हुई है लोगों ने उच्च अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग किया है।

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