खुद्दामे हज कमेटी द्वारा मनाया गया ईद मिलादुल नबी का जलसा

प्रयागराज। हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ज़िन्दगी, उनके बताये तरीकों और सुन्नतों पर अमल करने वाला ही आशिके रसूल है। यह बातें मुफ्ती सैफुर रहमान कासमी साहब ने खुद्दामे हज कमेटी की ओर से पालकी गेस्ट हाउस में आयोजित ईद-मिलादुल नबी के जलसे को खेताब करते हुए कहीं। उन्होंने हदीस का जिक्र किया, कहा कि हम जिसे जान से ज्यादा चाहें और मुहब्बत करें, तो उससे भी ज्यादा  हमारी मुहब्बत हमारे आका हज़रत मुहम्मद सल्ल.अलैहि वसल्लम साहब से होना चाहिए। और हर आशिक रसूल शख्स पर लाज़िम है कि वह कसरत से दरूद पड़े और हुजूर के बताई सुन्नतों पर अमल करे। लिहाजा हमें हुजर की सुन्नतों के मुताबिक ईद मिलादुन्नबी मनाएं ना कि दूसरों की नकल करें। जो सुन्नतों के खिलाफ हो।
जलसे की सदारत अल्हाज अनीस अहमद अंसारी और मेहमान-ए खुसूसी हाजी नजीर अहमद रहे।
जलसे की शुरुआत सुबह कुरआन ख्वानी से की गई। जबकि जलसे में आई हुई औरतों को मुअल्लिमा अमीर फातिमा ने हजरत मोहम्मद सल्ल. की तालीमात और दीन के लिए कुरबानियों का जिक्र किया, संचालन हज्जिन खुरशीदा ने किया। अंत में अल्तमश अंसारी ने आए हुए सभी लोगों का शुक्रिया किया और जलसे को प्रभावी बनाने की अपील की। जलसे का खात्मा दुआओं के साथ हुआ। आपसी भाईचारगी और मुल्क की सलामती के लिए दुआ की गई।

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