क्षय रोग मधुमेह पीड़ित के लिए ज्यादा घातक- डॉ अरुण कुमार तिवारी

कमला नगरए नारीबारीए असरावलकला और करेली में खुलेंगे नये ट्रीटमेंट सेंटर

सीफार के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला

मुख्य संवाददाता

प्रयागराजए ! एचआईवी संक्रमित के अलावा कुपोषितए मधुमेह पीड़ितए धूम्रपान व शराब का सेवन करने वालों को क्षय रोग ;टीबीद्ध होने की आशंका अधिक रहती है। इसलिए शुरुआती लक्षण में सतर्क हो जाएं और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से परामर्श लें। जिला क्षय रोग अधिकारी डा0 अरूण कुमार तिवारी  डीटीओ सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च ;सीफार  के सहयोग से आयोजित जिलास्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा। जनपद में चार नये ट्रीटमेंट सेंटर खोले जा रहे है। ये कमला नगर, नारीबारी, असरावलकला और करेली में होंगे।
डा0 तिवारी ने बताया कि वर्ष 2020 में क्षय रोग से संक्रमित कुल 13652 लोगों को चिन्हित किया गया। इसमें 7169 पब्लिक और 4483 प्राइवेट हैं। इसी तरह वर्ष 2021 में कुल 11117 लोगों को चिन्हित किया गया। इसमें 6641 पब्लिक और 4476 प्राइवेट हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में एमडीआर यमल्टी ड्रग रजिस्टेंटद्ध के 419 मामले और वर्ष 2021 में एमडीआर के 270 मामले पंजीकृत किए गए। डीटीओ ने कहा कि शुरुआती लक्षण नजरअंदाज करने पर ही क्षय रोग विकराल रूप लेता है। हालांकि क्षय का हर स्तर पर इलाज संभव है।
उन्होंने बताया कि क्षय रोगियों के लिए कई योजनाएं हैं। निश्चय क्षय पोषण योजना ;एनपीवाईद्ध के अंतर्गत पुष्ट रोगीए डीएसटीबी और डीआरटीबी और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के रोगी को हर महीने 500 रुपए आर्थिक मदद की जाती है। बीते साल 9143 मरीजों को दो करोड 41 लाख रूपये की धनराशि इस योजना के तहत दी गई है। इसी तरह उपचार सहायक के लिए मानदेय भी निर्धारित है डीएसटीबी रोगियों के लिये 1000 रूपये और डीआर टीबी रोगियों के लिए 5000 रुपए दिए जाते हैं।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एसके सैमसन ने बताया कि निजी स्वास्थ्य से जुड़े प्रेक्टिशनर, क्लीनिक, अस्पताल, नर्सिंग होम, लैब और केमिस्ट आदि के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। अधिसूचित करने के लिए 500 रुपए और परिणाम बताने के लिए 500 रुपए देने का प्रावधान है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की डॉ तृषा ने बताया कि जनपद में चार नये ट्रीटमेंट सेंटर खोले जा रहे है।  क्षय रोग एक जानलेवा संचारी रोग है। यह बीमारी रोगी के खांसने, छींकने या थूकने पर हवा में निकलने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होती है। सामान्यतः यह फेफड़ों को प्रभावित करता है। पूरी दुनिया में खराब स्वास्थ्य का यह एक मुख्य कारण है। इसके साथ ही क्षय रोग मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। वर्ष 2020 तक कुल 26 लाख यानि 188 प्रति लाख क्षय रोगी भारत में पाए गए हैं। दुनिया की एक चौथाई आबादी एम क्षय रोग से संक्रमित है। साथ ही 5 से 10 प्रतिशत लोगों को अपने जीवन में क्षय रोग होने की संभावना है। इस मौके पर धीरेंद्र प्रताप सिंह, आशीष सिंह, समर बहादुर सिंह, अभय आदि मौजूद थे। मंचदूतम नाटय समिति वाराणसी के कलाकारों ने प्रतिरोधक क्षमता के महत्व को रोचक तरीके से समझाया।

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