वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को धैर्य, पराक्रम, साहस, शक्ति, क्रोध, उत्तेजना षड्यंत्र, शत्रु, विवाद, छोटे भाई, अचल संपत्ति, भूमि और रक्त आदि का कारक ग्रह माना गया है। अगर मंगल ग्रह अशुभ हो तो इन क्षेत्रों से संबंधित परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रह और वास्तु का सीधा संबंध है। वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि आपके घर में वास्तु दोष है तो जिंदगी में न सिर्फ तरक्की रुक जाती है और आर्थिक रूप से व्यक्ति कमजोर हो जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह की दिशा दक्षिण मानी गई है। मतलब इस दिशा पर मंगल ग्रह का आधिपत्य है। ऐसे में मंगल ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए वास्तु से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। इससे आपको आर्थिक तरक्की भी मिलेगी। आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय।
इन वास्तु उपायों से करें मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत
- वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा विधि, आराम, जीवन और मृत्यु से संबंधित है। इसलिए इस दिशा में शयन कक्ष तथा भण्डार गृह रखना चाहिए। मंगल ग्रह की दिशा होने के कारण आपको यहां से शुभ प्रभाव प्राप्त हो सकता है।
- यदि घर में मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव है या मंगल दोष कुंडली में नजर आ रहा है तो आपको घर में मंगल यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
- मंगल ग्रह की अशुभता कम करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में जाएं और बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।
- मंगलवार के दिन गुड़ और भुने हुए चने बंदरों को या फिर लाल रंग की गाय को खिला सकते हैं।
- मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।
- मंगल बीज मंत्र इस प्रकार है- ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।