कोयले की ढुलाई के लिए एनसीआर से स्थापित किया जा रहा समन्वय

एनसीआर जीएम व डीएफसी डायरेक्टर ने देखी व्यवस्था, अधीनस्थों को दिए टिप्स

– लोको पायलटों के रनिंग रूम में परखी सुविधा, खामियों को दूर करने का निर्देश

– गर्मी में रेल पटरियों का विशेष निगरानी रखने की कही बात, कर्मी करें अवलोकन

प्रयागराज ।
डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) लाइन पर मालगाड़ियों से कोयला की सर्वाधिक ढुलाई के लिए अब एनसीआर से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए मंगलवार को एनसीआर के महाप्रबंधक रविंद्र गोयल व डीएफसी के डायरेक्ट ओपी एंड बीडी शोभित भटनागर ने प्रयागराज से लेकर डीडीयू यूनिट तक व्यवस्था देखी। इस दौरान अधिकारीद्वय ने अधीनस्थाें को आवश्यक टिप्स दिए। लोको पायलटों के रनिंग रूम की सुविधा परखी और खामियों को दूर करने का निर्देश दिए। इसके अलावा गर्मी के दिनों में रेल पटरियों पर विशेष निगरानी रखने की बात कही। साथ ही कर्मियों को लगातार अवलोकन करने को कहा ताकि रेल पटरियों को चटकने से बचाया जा सके और दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके।

विशेष निरीक्षण यान से महाप्रबंधक व डायरेक्टर सुबह प्रयागराज से निकले। सबसे पहले अधिकारियों का दल मीरजापुर के करछना पहुंचा। यहां लोको पायलटों के लिए बने वैकल्पिक रनिंग रूम को देखा और भविष्य में स्थाई रनिंग रूम बनाने की बात कही। ऊंचडीह में मेजा ऊर्जा थर्मल पावर का अवलोकन किया और पावर की क्षमता परखी। इसके बाद अधिकारीद्वय चुनार डीएफसी लाइन पर पहुंचे। यहां विश्वनाथ पुरी स्टेशन से डगमगपुर के जुड़ाव की व्यवस्था का जायजा लिया। रेलमार्ग के बाद महाप्रबंधक व डायरेक्टर ने जलमार्ग की स्थिति को देखा। फ्लाईओवर से डीएफसी पहुंचे। यहां से अंतरदेशीय जलमार्ग परिवहन का अवलोकन किया। जलमार्ग से हल्दिया तक सामानों का आयात व निर्यात होगा। फिर डीडीयू तीसरी लाइन का जायजा लेते हुए पीडीडीयू यार्ड पहुंचे। यहां अधिकारियाें संग बैठक की और विभिन्न गतिविधियों के बारे में मंथन किया गया। इस दौरान पीसीओएम शरद चंद्रयान, सीजीएम प्रयागराज एबी शरण, सीजीएम डीडीयू अतुल कुमार, एजीएम श्रवण कुमार, एजीएम मनु प्रकाश दुबे, डिप्टी सीपीएम जेके सिंह, यशपाल आदिे थे।

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