प्रयागराज। कैरियर में सफल होना एक अलग बात है और जीवन में सफल होना अलग बात है। व्यक्ति अपना जो भी कार्य क्षेत्र अपनाता है उसमें वह सफल तभी होता है जब वह दक्षता पूर्ण एवं कुशलता पूर्ण कार्य करे। उसमें कुछ हुनर हो तो वह अपने कैरियर में सफल होता है लेकिन केवल कैरियर में सफल होना महत्वपूर्ण नहीं है।
यह बातें उ.प्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने सरस्वती परिसर में मंगलवार को योग प्रशिक्षण प्रयोगात्मक परीक्षा के दौरान बौद्धिक सत्र में छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कैरियर का सफल होना महत्व तो रखता है लेकिन कैरियर के साथ-साथ जीवन में भी सफल होना जरूरी है। जिस दृष्टि को लेकर हम जी रहे हैं उसमें भी हमें सफल होना चाहिए। हम पारिवारिक दृष्टिकोण से, सामाजिक दृष्टिकोण से तथा राष्ट्रीय दृष्टिकोण से भी सफल हों, जीवन के लिए यह भी आवश्यक है।
कुलपति ने कहा कि आज हमें पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों के प्रति सतर्क एवं सचेत होने की आवश्यकता है। हमें ऐसे आदर्श व्यक्ति का चुनाव करना है जो सामाजिक मूल्यों और सामाजिक मान्यताओं में विश्वास रखता हो तथा देश के इतिहास और भूगोल के प्रति भी अत्यंत सचेत हो। जिसको स्थान और समय का बोध हो तथा समतायुक्त, विषमता मुक्त तथा समरसता पूर्ण समाज की रचना में अपना अभीष्ट योगदान दे सके।
प्रो. सिंह ने योग को जीवन का एक महत्वपूर्ण मंत्र बताया। कहा कि योग क्रिया द्वारा जहां शरीर को कई व्याधियों से मुक्ति मिल सकती है, वहीं मानसिक शांति का यह एक महत्वपूर्ण साधन है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सिंह का स्वागत स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रो. गिरजा शंकर शुक्ल ने किया। बौद्धिक कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक अमित कुमार सिंह, डॉ.अभिषेक सिंह तथा डॉ.प्रभात चंद्र मिश्र आदि उपस्थित रहे।