केवीके में मौन पालन व्यवसायिक प्रशिक्षण का समापन

प्रयागराज। कृषि विज्ञान केन्द्र, शुआट्स में मौन पालन विषय पर पांच दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को हुआ। मुख्य अतिथि निदेशक विकास प्रो0 डा0 रितु प्रकाश दूबे एंव विकास अधिकारी डा0 अंजली सक्सेना थी। स्वागत के.वी.के. प्रभारी डा0 मुकेश पी मसीह ने किया। प्रो0डा0 रितु प्रकाश दूबे ने कहा की मधुमक्खी से युवा, आत्म निर्भर बनकर एक व्यवसाय के रूप में अपना सकते है। डा0 मुकेश पी मसीह ने कहा कि मधुमक्खी पालन कृषि के साथ एकीकृत खेती के रूप में किया जा सकता है जिससे उन्हें शहद के साथ उनकी उत्पादकता बढती है। इस प्रशिक्षण में विभिन्न ब्लाकों एंव गांवों के प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया।  डा0 अजय कुमार मधुमक्खी पालन कोडिनेटर ने कहा कि मौन पालन आजिविका का साधन व आमदनी का अतिरिक्त स्रोत है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें भोजन के लिये यह फूलों से परागण व मकरंद एकत्रित कर अपना भोजन शहद के रूप में एकत्र करती है। इसे छत्ते से निकाल कर विभिन्न उपयोगो में लाया जाता है। मधुमक्खी पालन से शहद, मोम, प्रोपेलीस इत्यादि चीजे प्राप्त होती है। मधुमक्खी पालन एक बक्स  में  रखकर किया जाता है जिसमें मधुमक्खियॉ शहद को एकत्रित करती है तथा अपने परिवार का लालन पालन करती है। अन्त में धन्यवाद ज्ञापन डा0 अजय कुमार के द्वारा किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के समस्त वैज्ञानिक उपस्थित रहें।

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