केरल के चर्च का आरोप, ईसाई महिलाओं को आईएस के जाल में फंसाया जा रहा है

केरल के एक प्रभावशाली कैथोलिक चर्च ने यह कहकर बहस की शुरुआत कर दी कि “लव जिहाद एक हकीकत है” और आरोप लगाया कि दक्षिणी राज्य में ईसाई समुदाय की कई महिलाओं को इस्लामिक स्टेट के जाल में फंसाया जा रहा है और उनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिये हो रहा है।

कैथोलिक बिशप की सर्वोच्च संस्था द सायनॉड ऑफ साइरो-मालाबार चर्च की कार्डिनल जॉर्ज एलनचेरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य पुलिस पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने और ‘लव जिहाद’ के मामलों पर समय से कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। केरल के वित्त मंत्री थॉमस ईसाक ने कहा कि बिशप के आरोपों का कोई “आधार नहीं” है। उन्होंने कहा कि पूर्व में ऐसे कई आरोप लगाए गए हैं लेकिन सरकारी जांच में इसका कोई आधार नहीं मिला।

उन्होंने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, “अगर ठोस मामले या आरोप होंगे तो उन्हें निश्चित रूप से देखा जाएगा। लेकिन केरल सरकार नहीं मानती कि स्थिति के ऐसे सामान्यीकरण के लिये कोई आधार है।” आरोपों को खारिज करते हुए इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने इस बयान के “समय” पर सवाल उठाते हुए चर्च से अनुरोध किया कि वह इसे तत्काल वापस ले क्योंकि इससे “फासीवादी हिंदुत्व के खिलाफ समाज के विभिन्न वर्गों में बढ़ती एकजुटता के विभाजन में मदद मिलेगी।”

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