केंद्रीय जीएसटी नेटवर्क को सिस्टम की खामियां दुरुस्त करने का निर्देश

पोर्टल पर अपलोड अधूरी नोटिस रद्द, नये सिरे से कार्यवाही की छूट
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जीएसटी पोर्टल पर कम्पनी को अधूरी नोटिस जारी करने के आदेश को रद्द कर दिया है और सहायक आयुक्त व्यवसाय कर कासगंज, अलीगढ़ को पूरे व्योरे के साथ नये सिरे से नोटिस जारी करने की छूट दी है।
कोर्ट ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क नई दिल्ली को भी अधूरी नोटिस पोर्टल पर अपलोड करने की जांच करने का आदेश देते हुए उपचारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जीएसटी पोर्टल पर अपलोड नोटिस के तथ्यों का सत्यापन किया जाय ताकि अनावश्यक याचिकाएं दाखिल न हो।
यह आदेश न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति एस.डी सिंह की खंडपीठ ने मेसर्स दाऊजी इस्पात कम्पनी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका के अनुसार सहायक आयुक्त व्यवसाय कर कासगंज ने याची को कारण बताओ नोटिस जारी की। नोटिस कम्पनी के पोर्टल पर दी गई। किन्तु जो नोटिस जीएसटी पोर्टल पर अपलोड है, वह नोटिस याची कम्पनी के पोर्टल पर अधूरी भेजी गई। जिसमें कारण नहीं बताया गया है। जिसे चुनौती दी गई थी। याची का कहना था कि अधूरी नोटिस के खिलाफ वह अपील दाखिल नहीं कर सकते। क्योंकि कारण नहीं बताया गया है, तो जवाब किसका दिया जाय।

राज्य सरकार से पूछा गया तब पोर्टल पर अपलोड पूरी नोटिस दाखिल की गई। इस पर कोर्ट ने केंद्रीय जीएसटी नेटवर्क के अधिवक्ता कृष्णजी शुक्ल को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड नोटिस पेश करने को कहा। पोर्टल पर मौजूद नोटिस पेश की गई। जिसके पेज याची कम्पनी को दी गई नोटिस से अधिक थे। याची को अधूरी नोटिस जारी की गई थी।

जिस पर कोर्ट ने व्यवसाय कर विभाग के अपर आयुक्त को तलब कर सत्यापन करने का निर्देश दिया। याची के पोर्टल पर अधूरी नोटिस पायी गई। कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस रद्द कर दिया है और विभाग को नये सिरे से आदेश देने के लिए प्रकरण वापस कर दिया। साथ ही केंद्रीय जीएसटी नेटवर्क को सिस्टम दुरुस्त करने का आदेश दिया है।

Related posts

Leave a Comment