इसके उपयोग से कई बीमारियों का घर बैठे निदान संभव : डा प्रवीन चरन
प्रयागराज।
प्रसार निदेशालय, सैग हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज में दिनांक 04-08 सितम्बर 2024 तक संचालित होने वाले सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनान्तर्गत जनपद-मधेपुरा, बिहार राज्य के 40 कृषकों का पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
निदेशक प्रसार डा प्रवीन चरन ने कहा कि श्रीअन्न के पौराणिक महत्य का वर्णन हमारे पुराने ग्रन्थों एवं धार्मिक पुस्तकों में किया गया है। श्रीअन्न के उपयोग द्वारा बहुत सारी बीमारियों का घर बैठे निदान किया जा सकता है। यह मधुमेह रोग से पीड़ित रोगियों के लिए स्वास्थ्यवर्धक आहार है। इसके अतिरिक्त हृदय संबंधित रोगों एवं अन्य कई गंभीर बीमारियों का निदान श्रीअन्न के उपयोग द्वारा किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि निदेशक विकास डा० रीतू, प्रकाश दूबे ने कृषकों को बताया कि आजकल के खानपान में गेहूँ और चावल के उत्पादों में बहुतायत है और इनमें पाचन रेशों की मात्रा अत्यन्त कम होती है साथ ही यह पाचन रेशे मुख्य रूप से गेहूँ और चावल के छिलकों में रहते हैं वह भी पॉलिश के समय हट जाते हैं। अतः पाचन संबंधित गंभीर रोगों से पीड़ित हो जाते हैं। श्रीअन्न में पाचन रेशों की मात्रा बहुतायत में पायी जाती है जिसके प्रयोग से कई प्रकार की बीमारियों का निदान किया जा सकता है।
प्रशिक्षण समन्वयक डा० मनीष कुमार केसरवानी ने मोटे अनाजों की उपयोगिता के बारे में बताया।
संयुक्त निदेशक प्रसार डा० ए. के. चौरसिया ने किसानों को बताया कि अच्छा उत्पादन प्राप्त करने में शुद्ध बीज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
महिला उत्प्रेरक श्रीमती मीना नेथन ने कृषकों को महिला सशक्तीकरण एवं एफ०पी०ओ०/स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कृषक महिलाओं को आर्थिक रूप से उन्नत करने पर चर्चा की।