प्रयागराज 15/16 अगस्त,2020।भूमि अधिग्रहण की बर्बरता का प्रतीक बन चुके प्रयागराज जिले के कचरी गांव से 15 अगस्त 2020 को किसान नौजवान मोर्चा ने ‘मुकदमा वापसी मार्च’ का 74 वें स्वतंत्रता दिवस के दिन शुरुआत की। मोर्चा के संयोजक ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने कई वर्षों से संघर्ष कर रहे जेल यात्रियों और उनके परिजनों का सम्मान करने के बाद पदमार्च की शुरुआत किया। किसान कल्याण पुनर्वास समिति के अध्यक्ष डॉ राज बहादुर पटेल और सदस्यों ने किसान नौजवान मोर्चा को समर्थन दिया। इसी तरह उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों में मोर्चा से जुड़े संगठनों ने अलग अलग गावों में ऐसे मार्च निकालकर गांव की सीमा तक कर आगाज किया।मोर्चा के संयोजक ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह मार्च गांव की सीमा तक किए गए हैं ताकि सरकार को वक्त दिया जा सके। सरकार मुकदमा वापसी की प्रक्रिया शुरू करे, अन्यथा गांव-गांव में स्थगित किए गए मुकदमा वापसी मार्च लखनऊ की तरफ आगामी दिनों में कूच शुरू कर देंगे।
किसान नौजवान मोर्चा ने कचरी गांव में भूमि अधिग्रहण की बर्बरता के न्याय की लड़ाई का स्वतंत्रता दिवस पर शुरू किया। इस गाँव के 2 दर्जन से अधिक महिला और पुरुष जेल भेजे गए थे। इनमें एक एक परिवार के कई कई लोग जेल भेजे गए थे। वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं। परिवार के परिवार बर्बाद हो गए हैं।बच्चों की पढ़ाई छूट गई, कई कई लोगों की नौकरी चली गई। गैंगस्टर लगा, 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया। तब किसानों का समर्थन करने वाले लोग मंत्री और सांसद हो गए। सरकार ने अनेक लोगों के मुकदमे वापस लिए लेकिन किसानों के मुकदमे नहीं वापस लिए गए।मोर्चा की तरफ से जेल गए किसानों डॉ राज बहादुर पटेल, उनकी पत्नी रीता पटेल, बेटे, बेटी, भाई गाँव के हरिश्चन्द्र मिश्र, रामचन्द्र पटेल, रविकांत पटेल, जगत बहाुदर पटेल, प्रेम कुमार पटेल, रीता देवी पटेल, वीरेन्द्र पटेल, अशोक शर्मा, भीमसेन नाई, हरिश्चन्द्र मिश्रा, सुशील पटेल, मस्तराम पटेल, संतोष पटेल, शिव कुमार, अशोक कुमार पटेल, रामदेव पटेल, रविकान्त पटेल, ब्रजेश चौधरी, राजेश कुमार,हजारी लाल पटेल, राजेन्द्र पटेल, समीर यादव, राम प्रसाद प्रजापति, रविकान्त पटेल, समरजीत पटेल, शिव कुमार,धर्मराज पटेल, मौजीलाल, विनय कुमार, राजन, बैजनाथ, श्याम बाबू, रामचन्द्र पटेल, अमित पटेल, श्यामलाल, मानिकचन्द, शिवलाल, अखिलेश कुमार, राजेश पांडे,बिजली पटेल, भुवर पटेल, धीरज पटेल, धर्मा देवी पटेल, देवी शंकर, शशि समेत पीड़ितों को माला पहनाकर नागरिक अभिनंदन किया गया। जिससे किसान स्वाभिमान से जी सके।
74 वें स्वतंत्रता दिवस पर मोर्चा के आवाहन पर प्रदेश के अनेक जिलों में किसानों के समर्थन में फेसबुक के जरिए चौपालों के माध्यम से आवाज उठाई गई। कानपुर, उन्नाव, फतेहपुर, हमीरपुर, मिर्जापुर,प्रयागराज, प्रतापगढ़, देवरिया, उरई, झांसी, लखीमपुर गोरखपुर, बस्ती, बरेली, सोनभद्र समेत अन्य जिलों में मोर्चा के सदस्यों ने फेसबुक पर लाइव होकर किसानों और नौजवानों के हक में अपनी आवाज बुलंद की। उत्तर प्रदेश के गांव में यह अभियान तब तक चलता रहेगा, जब तक किसानों- नौजवानों पर लगे मुकदमें सरकार वापस नहीं करती। किसान नौजवान मोर्चा ने चेताया कि राजनीतिक पार्टियों को सचेत हो जाना चाहिए। अगर किसानों के हित के खिलाफ फैसले होंगे, नौजवानों के हित के खिलाफ फैसले होंगे तो सरकारें बेदखल हो जाएंगी। आजादी के बाद से खासकर बीते तीन दशक से उत्तर प्रदेश में किसानों के खिलाफ भूमि अधिग्रहण के नाम पर जबरदस्त मनमानी की गई है। सियासी दलों ने राजनीतिक फायदे के लिए किसान को जातियों में विभाजित कर दिया है। मोर्चा ऐसे कृत्य की निंदा करता है। किसानों और नौजवानों में लगे मुकदमें वापस किए जाने की मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर मांग करते है।
मोर्चा के संयोजक बृजेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों के खिलाफ भूमि अधिग्रहण की मनमानी के विरोध पर, बिजली के दामों के वृद्धि के विरोध पर, सिंचाई के समस्याओं को लेकर मंडी परिषद की मनमानी के खिलाफ बात कहने पर, अनाज गोदामों तक भेजने के लिए, धान गेहूं और अन्य फसलों की बिक्री के दौरान मनमानी का विरोध करने पर, नौकरियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर किसानों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के साथ मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, हरियाणा, पंजाब गुजरात, महाराष्ट्र में भी किसानों के साथ बर्बरता हुई है। उन प्रदेशों में भी दर्ज मुकदमे वापस किए जाएं।
किसान नौजवान मोर्चा ने राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के लिए संकल्प में भागीदारी करते हुए कहा है कि मोर्चा अत्याचार का मुखर विरोध करेगा। कचरी गाँव में मोर्चा की केंद्रीय टीम के साथ एडवोकेट रितेश श्रीवास्तव, दिनेश तिवारी,प्रभाकर सिंह पटेल, अमित कुमार, दिनेश शुक्ला, पवन मिश्र समेत अन्य किसान नौजवान मौजूद रहे।