कानपुर-लखनऊ सहित नई दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर गति बढ़ाने के कार्यों के लिए उत्तर मध्य रेलवे कोआर्डिनेटिंग रेलवे

दिनांक 15.09.20 को, महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने मुख्यालय के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज, झांसी और आगरा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर मध्य रेलवे में संरक्षा, कोविड -19 की स्थिति और नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली – मुंबई मुख्य मार्गों पर 160 किमी प्रति घंटे की गति से संबंधित कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं की समीक्षा की ।

सर्वप्रथम ट्रेनों के संरक्षित संचालन पर चर्चा की गई। ट्रैक के रखरखाव, सिग्नलिंग और ओएचई आदि से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान किए जाते हैं। गाड़ियों के परिचालन तथा ब्लॉक के दौरान कार्यरत कर्मियों की संरक्षा के दृष्टिगत, निर्धारित सख्त नियमों एवं विस्तृत प्रक्रियाओं के तहत ही ब्लॉक की स्वीकृति, रखरखाव के कार्यों और ट्रैफ़िक ब्लॉक को रद्द करने का कार्य किया जाता है। उत्तर मध्य रेलवे में ट्रैफिक ब्लॉक की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए, महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने निर्देशित किया कि ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान रखरखाव कार्यों हेतु निर्धारित नियमों का बिना किसी विफलता के पालन किया जाना चाहिए।

       कोविद -19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए, महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने कहा कि सह-रुग्णता वाले और वृद्ध कर्मचारियों की विशेष देखभाल की आवश्यकता है क्योंकि उनमें संक्रमण की ज्याद सम्भावना रहती है। उन्होंने कहा कि उत्तर मध्य रेलवे पर सभी इकाइयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे कर्मचारियों की उचित रूप से देखभाल की जाए और कोविड -19 दिशानिर्देशों के अनुसार उनकी ड्यूटी पैटर्न आदि में यथासम्भव अपेक्षित बदलाव किया जाये।

इसके उपरांत वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई मुख्य मार्गों पर 160 किमी प्रति घंटे की गति से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा की गई । उत्तर मध्य रेलवे, जो नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी मार्ग के 53% हिस्सा पर रखरखाव एवं संचालन करता है, को नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी मार्ग एवं कानपुर-लखनऊ खण्ड के लिए 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक गति बढ़ाने स्वीकृत कार्य के लिए उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे और पूर्वी रेलवे के मध्य कोआर्डिनेटिंग रेलवे बनाया गया है। कोआर्डिनेटिंग रेलवे के रूप में कार्य करते हुये उत्तर मध्य रेलवे ने सभी संबंधित जोनल रेलवे से इस महत्वपूर्ण कार्य हेतु डीटेल इस्टीमेट प्राप्त कर के एवं उत्तर मध्य रेलवे के मद की लागत सहित संकलित किया गया और कार्य के आगे के निष्पादन के लिए डीटेल इस्टीमेट को मंजूरी दी गई। कानपुर से लखनऊ खंड सहित नई दिल्ली – हावड़ा के इस सबसे महत्वपूर्ण मार्ग को 160 किलोमीटर प्रति घंटे के संचालन के लिए फिट करने हेतु उन्नयन और अतिरिक्त बुनियादी ढांचे सम्बंधित कार्यों पर लगभग 6752 करोड़ रुपये तक व्यय होने की सम्भावना है। इसमें पटरियों, पुलों आदि के उन्नयन पर 2319 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय, ओएचई के सुधार और उच्चगति पर संचालन के लिए बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार पर 2920 करोड़ रुपये, ऑन-बोर्ड सिग्नलिंग व्यवस्था सहित सिग्नलिंग प्रणाली के उन्नयन पर 1149 करोड़ रुपये शामिल हैं, ट्रैक के किनारे रोलिंग स्टॉक मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना और एनरूट ट्रेन परीक्षा सुविधाओं में सुधार के लिए 348 करोड़ रुपये और ब्लॉक अनुकूलन के लिए 16 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ट्रैक, ओएचई, सिग्नलिंग और वे साइड ट्रेन परीक्षा सुविधाओं के उन्नयन के लिए कुल अनुमानित लागत में उत्तर मध्य रेलवे का हिस्सा 2437 करोड़ रुपये है। कानपुर-लखनऊ खंड सहित बुनियादी ढांचे के उन्नयन कार्य के अंतर्गत उत्तर रेलवे पर 96.9 किलोमीटर, उत्तर मध्य रेलवे पर 751.2 किलोमीटर, पूर्व मध्य रेलवे पर 417.2 किलोमीटर और पूर्वी रेलवे पर 260.2 किलोमीटर पर कार्य होना है।

नई दिल्ली से हावड़ा तक 160 किलोमीटर प्रति घण्टा तक स्पीड बढ़ाने के कार्य को 2023-24 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है और रूट किलोमीटर तथ यातायात में सर्वाधिक भगीदारी के कारण उत्तर मध्य रेलवे को इस कार्य हतु कोआर्डीनेटर नियुक्त किया गया है। कानपुर- लखनऊ खण्ड सहित रेलवे के 1525.5 किलोमीटर के कुल मार्ग को 160 किमी प्रति घंटे के संचालन के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए कार्य की अनुमान लागत 4.42 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है। महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने इस महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण कार्य को समय-सीमा में पूरा करने के लिए सभी विभागों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।

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