कर्ज का जाल ऐसा है कि हर कोई इसमें किसी ना किसी तरह से फंसा हुआ है। किसी पर पांच सौ रुपए का कर्ज है तो किसी पर पांच हजार करोड़ रुपए का। हर कर्जदार की चिंता यही रहती है कि वह कैसे समय पर कर्ज चुका दे। कई बार कर्ज चुकाते रहने से मुक्ति नहीं मिलती दिखती तो व्यक्ति के मन में यह भी सवाल आता है कि क्या जिंदगी सिर्फ कर्ज चुकाते रहने में बीत जायेगी? लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी कर्जदार के गंभीर स्थिति में पहुंचने का दोष उसका नहीं बल्कि उसके ग्रहों का ज्यादा होता है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि षष्ठम, अष्टम, द्वादश और मंगल ग्रह कर्ज के कारण हैं। यदि आपका मंगल कमजोर है तो कर्ज के जाल में फंसे रहेंगे। मंगलवार और बुधवार को कर्ज का लेन-देन नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि मंगलवार को कर्ज लेने वाला जीवनभर कर्ज नहीं चुका पाता यही नहीं उसकी संतान को भी यही पीड़ा उठानी पड़ती है।खैर कर्ज परेशानी वाली बात तो है लेकिन कुछ उपाय ऐसे हैं जोकि कर्ज से आपको मुक्ति दिला सकते हैं। बस मेहनत से पीछा नहीं छुड़ाएं और सच्चे मन से इन उपायों को आजमाएं-
भगवान श्रीगणेश को प्रतिदिन दूर्वा और मोदक का भोग लगाना चाहिए।
– भगवान श्रीगणेश का अथर्वशीर्ष का पाठ प्रत्येक बुधवार को करना चाहिए।
– शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करना चाहिए।
– मंगलवार एवं बुधवार को कर्ज नहीं लेना चाहिए। कर्ज की पहली किस्त मंगलवार से देना शुरू करें तो जल्द कर्ज उतरेगा।
– लाल और सफेद वस्त्रों का अधिकतम प्रयोग करना चाहिए। अगर लाल वस्त्र नहीं पहनते तो लाल रूमाल अपने साथ रखिये।
– घर में भगवान श्रीकृष्ण का गाय के आगे खड़े होकर वंशी बजाते हुई मुद्रा का चित्र लगाएं। इससे ना तो आपका फंसा हुआ धन डूबेगा ना ही ज्यादा कर्ज चढ़ेगा।
– श्रीहनुमानजी के चरणों में मंगलवार और शनिवार को तेल और सिंदूर चढ़ाएं तथा बजरंग बाण का पाठ करें।
– अपने घर के ईशान कोण को सदैव स्वच्छ व साफ रखें।
– ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से अवश्य लाभ होता है।
– मंगलवार को शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः” मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं।
– लाल मसूर की दाल का दान करने से भी लाभ मिलता है।
इन उपायों के अलावा यदि आप कर्ज मुक्ति मंत्र का भी जाप करें तो अभीष्ट लाभ होगा। यहां तीन मंत्र दिये जा रहे हैं इनमें से किसी का भी कम से कम एक माला जाप करें और फिर चमत्कार देखें।-
– “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः”
– “ॐ मंगलमूर्तये नमः”
– “ॐ गं ऋणहर्तायै नमः”