हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के बाद वैशाख का महीना शुरू होता है। इस माह का विशेष धार्मिक महत्व है। इस साल वैशाख 7 अप्रैल 2023 से आरम्भ हो रहा है। वैशाख में दान और गंगा स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु, परशुराम की पूजा करने और बांके बिहारी के दर्शन करने से शांति और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के बाद का दिन वैशाख का पहला दिन होता है और वैशाख पूर्णिमा इस महीने का अंत करती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार इस साल वैशाख 7 अप्रैल से शुरू हो रहा है और 5 मई तक चलेगा। आइए जानते हैं वैशाख मास कि व्रत लिस्ट और इस महीने का महत्व।
वैशाख मास महत्व और पूजा
वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहता है इसलिए इसे वैशाख पूर्णिमा कहा जाता है। बृहस्पति स्वामी है और विशाखा नक्षत्र का स्वामी इंद्र है। इस माह में भगवान विष्णु के साथ चंद्रमा की भी पूजा की जाती है। वैशाख में स्नान, दान और व्रत का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि वैशाख में की गई पूजा से सभी कष्टों और दुखों से मुक्ति मिल जाती है।
वैशाख मास में करें भगवान विष्णु की पूजा
वैशाख मास में तुलसी मां और पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है। इसके अलावा तांबे के बर्तन में जल लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से सारे पाप दूर हो जाते हैं। वैशाख के पूरे महीने में लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इसलिए इसे माधव मास कहा जाता है। भगवान विष्णु की माधव के रूप में तुलसी पत्र से पूजा की जाती है।
- 9 अप्रैल- संकष्टी चतुर्थी व्रत
- 13 अप्रैल- कालाष्टमी व्रत
- 16 अप्रैल – वरुथिनी एकादशी व्रत
- 17 अप्रैल- प्रदोष व्रत
- 18 अप्रैल – वैशाख मासिक शिवरात्रि
- 20 अप्रैल- सूर्य ग्रहण
- 22 अप्रैल- अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती
- 26 अप्रैल- गंगा सप्तमी
- 29 अप्रैल- सीता नवमी
- 1 मई – मोहिनी एकादशी
- 4 मई – नरसिम्हा जयंती
- 5 मई – वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा