कब से लग रहा है खरमास? नोट करें डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा, जप-तप और दान किया जाता है। साथ ही गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। धार्मिक मत है कि संक्रांति तिथि पर गंगा नदी में स्नान करने से अनजाने में किए गए सारे पाप कट जाते हैं। साथ ही पूजा जप-तप करने से सुख, समृद्धि और पुण्य फल में वृद्धि होती है। सूर्य देव की उपासना करने से करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के धनु राशि में गोचर करने के दौरान खरमास लगता है। इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। आइए, खरमास के बारे में सबकुछ जानते हैं-

ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक गोचर करते हैं। वहीं, जब धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं, तो सूर्य देव के तेज प्रभाव से धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति का प्रभाव क्षीण हो जाता है। इसके चलते एक महीने तक खरमास लगता है। इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। आसान शब्दों में कहें तो शादी, विवाह, विदाई, उपनयन, मुंडन आदि शुभ कार्य खरमास में नहीं किए जाते हैं।

कब से लग रहा है खरमास ?

पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर को सूर्य देव शाम 03 बजकर 58 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। अतः इस दिन से ही खरमास लग रहा है। इस राशि में सूर्य देव 30 दिनों तक रहेंगे। इसके बाद सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन से शुभ कार्य किए जाएंगे।

खरमास में क्या करें

खरमास के दौरान कुंडली में सूर्य का प्रभाव प्रबल रहता है। अतः खरमास के दौरान सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके लिए रोजाना जल में कुमकुम मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस समय सूर्य मंत्र का जाप करें।

Related posts

Leave a Comment