ऑस्ट्रेलियाई पुलिस का कहना है कि सिडनी में एक गिरजाघर में प्रार्थना के दौरान एक बिशप व पादरी पर चाकू से किये गये हमले के कारण वहां मौजूद और ऑनलाइन प्रार्थना देख रहे लोग सकते में आ गए। पुलिस इसे आतंकवादी कृत्य मान रही है। पुलिस ने क्राइस्ट द गुड शेफर्ड चर्च में हुई चाकू से हमले की घटना के बाद मंगलवार को 16 वर्ष के एक किशोर को गिरफ्तार किया। घटना में बिशप मार मारी इमैनुएल और एक पादरी घायल हुए हैं। दोनों का इलाज चल रहा है और उनके बचने की उम्मीद है।
साउथ वेल्स पुलिस आयुक्त कारेन वेब ने बताया कि संदिग्ध की टिप्पणियां हमले के लिए धार्मिक मकसद की ओर इशारा करती हैं। अधिकारी ने बताया, हमें लगता है कि यह हमला एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया क्योंकि इस व्यक्ति ने हमले के लिए ऐसे स्थान को चुना, जो उसके घर के आसपास तक नहीं है। आरोपी चाकू के साथ आया और गिरजाघर में घुसकर बिशप व पादरी पर उसने चाकू से हमला किया उन्होंने कहा, वे खुशकिस्मत हैं कि वे जिंदा बच गये। अधिकारी ने बताया कि किशोर को पुलिस जानती थी लेकिन वह निगरानी सूची में नहीं था।
देश की मुख्य खुफिया एजेंसी ‘ऑस्ट्रेलियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन’ (एएसआईओ), ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस और प्रांतीय पुलिस मामले की जांच में आतंकवाद रोधी कार्यबल का सहयोगी कर रही हैं। एएसआईओ के महानिदेशक माइक बर्गीस ने बताया कि जांच में इस घटना से संबंधित किसी खतरे का खुलासा नहीं हुआ है। बर्गीस ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि घटना धार्मिक रूप से प्रेरित है लेकिन हम सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रहे हैं। बर्गीस ने कहा, हमारा काम हमलावर से जुड़े व्यक्तियों पर नजर रखना है ताकि हम यह पता लगा सकें कि समुदाय में इसी तरह का इरादा रखने वाले कोई और लोग तो नहीं हैं। हालांकि इस स्तर पर हमारे पास इसका कोई संकेत नहीं है।