माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के परिचालन के क्षेत्र में रेलवे में क्रन्तिकारी परिवर्तन लाने के दृढ निश्चय से प्रेरित होकर प्रयागराज मंडल के सिग्नल और दूरसंचार विभाग द्वारा सिग्नलिंग प्रणाली में लगातार आधुनिकीकरण किया जा रहा है। यात्री ट्रेन लगातार दौड़ती रहे, उसे सिर्फ इसीलिए किसी स्टेशन पर नहीं रुकना पड़े की आगे गई ट्रेन अभी अगले स्टेशन को पार नहीं की है, इसके लिए प्रयागराज मंडल में दिनांक 01.08.22 को सिग्नल और दूरसंचार विभाग द्वारा अथसराय–कनवार तथा कनवार –कटोहन स्टेशनो के बीच 11.55 किलोमीटर लम्बे खंड पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली कमीशन किया गया है।
सिग्नलिंग उपकरणों के आधुनिकीकरण सिग्नल विभाग की प्राथमिकता रही है। विभाग द्वारा अथसराय–कनवार तथा कनवार –कटोघन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना का कार्य किया गया है। पावर सप्लाई के निर्बाध आपूर्ति के लिए इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई सिस्टम लगाया गया है।सिग्नलिंग उपकरणों की विफलता की स्थिति में विफलता के कारणों का पता लगाने में अधिक समय न लगे तथा मानव श्रम की भी बचत हो, इसके लिए सिग्नलिंग उपकरणों के डाटा को एनालिसिस करने के लिए डेटालॉगर स्थापित किया गया है। डेटालॉगर से एंटी-थेफ़्ट अलार्म सिस्टम, एटी सप्लाई मॉनिटरिंग, रिले रूम डोर मॉनिटरिंग सिस्टम को भी जोड़ा गया है। एकीकृत सञ्चालन हेतु इस डेटालॉगर को प्रयागराज मंडल के सेंट्रल डेटालॉगर सेण्टर के इंटीग्रेटेड किया गया है।
इसके आलावा, इस खंड में फ्रॉस्चर की MSDAC ड्यूल एक्सल काउंटर ट्रैक सर्किट लगाया गया है जो ऑटो रिसेट प्रणाली से लैस है. इस खंड में एल ई डी सिग्नल लगाए गए है .
प्रयागराज मंडल में शरद ऋतु के दौरान कोहरा अथवा धुंध के कारण ट्रेन परिचालन प्रभावित होनेकी संभावना होती है। ऐसी स्थिति में ट्रेन के संरक्षित परिचालन के लिए अप एवं डाउन लाइन में एक-एक मॉडिफाइड सिग्नल लगाए गए है।
सिग्नलिंग उपकरण आपस में विभिन्न केबल के माध्यम से जुड़ा होता है। इन केबल के इंसुलेशन को समय समय पर जांचना होता है इसके लिए अर्थ लीकेज डिटेक्टर लगाया गया है जो सभी केबल कोर के इंसुलेशन की निगरानी करने के साथ-साथ सचेत भी करता है। सिग्नलिंग उपकरणों की चोरी जैसी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए सभी रिले हट में एंटी थेप्ट उपकरण लगाए गए है।
ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली के उपलब्ध हो जाने से इन दोनो खंड की ट्रेन-परिचालन क्षमता बढ़ गई है।