प्रयागराज ।बैंक रोड राजश्री टंडन सेवा केंद्र में एफ ई एस इंडिया के द्वारा व्यावसायिक स्वास्थ्य , कार्यस्थल सुरक्षा तथा सामाजिक सुरक्षा से जुड़े विषय पर एक दिवसीय कार्य शाला का आयोजन किया गया जिसमें 50 से अधिक श्रमिकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रम विभाग से नवशाद जी , पार्षद शिवसेवक सिंह, समाज सेवी अंशु मालवीय, लखनऊ से आए संदीप खरे , गुरुप्रसाद आदि लोग मौजूद रहे।
सर्व प्रथम कार्यक्रम की शुरआत में नवसाद जी ने उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीयन , नवीनी करण तथा बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के बारे बताया तथा उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों को बोर्ड में अपना पंजीयन कराने के लिए बताया।
इसी क्रम में संदीप खरे ने बताया की व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य का उद्देश्य कार्यस्थल पर कर्मचारी को शारीरिक और मानसिक स्वास्थय, सुरक्षा और सामाजिक ख़ुशहाली प्रदान करना है। उन्होंने बताया की जिस देश में एक कर्मचारी को कार्यस्थल पर बेहतर स्वास्थ्य एवम सुरक्षा सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है । उस देश की अर्थव्यवस्था अपने आप बेहतर होना शुरू हो जाएगी।
इसी क्रम में अंशु मालवीय ने कहा किन आज श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा के कई इंतजाम किए किए गए है जिसमे सरकार द्वारा मुख्य रूप से मातृत्व स्वस्थ,पेंशन एवम दुर्घटना मुवाबजा को प्राथमिकता दी गए है।
उन्होंने बताया की सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए जो योजनाएं संचालित की जा रही है उनकी सूचना श्रमिकों तक पहुंचाना जरूरी हैं।
वही पार्षद शिव सेवक सिंह ने कहा की कार्य स्थाल पर श्रमिकों को सुरक्षा से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराने मे नियोक्ता अपने जिम्मेदारी से पीछे हट जाते है जिसके चलतें श्रमिकों के साथ आए दिन घटनाएं होती रही है।
इसी क्रम में गुरु प्रसाद ने बताया की व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थिति अधिनियम 2019 के अंतर्गत यह सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी परिस्थितियों से संबंधित 13 श्रम कानूनों को समाहित और प्रतिस्थापित करता है। यह संहिता कम से कम 10 या अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों को कवर करती है। यह तर्क दिया गया है कि श्रम कानूनों की प्रयोज्यता के लिए आकार-आधारित सीमाएं छोटे प्रतिष्ठानों के लिए अनुपालन बोझ को कम करने में मदद करती हैं। दूसरी ओर, यह तर्क दिया गया है कि व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा कानूनों में सभी श्रमिकों को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि उनके मूल अधिकारों की रक्षा की जा सके।
कार्यक्रम में अनुराधा गुप्ता, समाजसेवी अनन्त कुमार चौधरी कुमार, आदि लोगो ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया।