एकादशी के दिन करें लड्डू गोपाल जी का मोहिनी रुप श्रृंगार

सनातन धर्म में एकादशी काफी महत्व होता है।  साल में  कुल 24 एकादशी की तिथि पड़ती है। हर एक एकादशी का अपना महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रीहरि विष्णु जी की विधिवत रुप से पूजा- अर्चना करता है। उसके सभी परेशानियां दूर हो सकती है और मनोकामनाएं भी पूर्ण हो सकती है। मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रुप की विधिवत पूजा करने से लाभ हो सकता है। दरअसल, इस साल 19 मई को मोहिनी एकादशी है। इस दिन आप लड्डू गोपाल का श्रृंगार कर रहे हैं, तो कैसे करें, आपको बताते हैं।

लड्डू गोपाल जी का मोहिनी रूप श्रृंगार सामग्री

-लड्डू गोपाल जी की मूर्ति

-लाल, पीले और हरे रंग का कपड़ा

-मोती, सितारे और अन्य श्रृंगार सामग्री

-फूलों की माला

-मेवा और मिठाई

-धूप और दीपक

-जल

लड्डू गोपाल जी का मोहिनी रुप श्रृंगार

– सबसे पहले आप लड्डू गोपाल जी की मूर्ति को स्नान कराएं और साफ कपड़े से पोछ लें।

– किसी भी रंग का कपड़ा लड्डू गोपाल जी की पीठ के पीछे से लपेटकर, उन्हें एक लहंगे की तरह पहनाएं।

– पीले रंग का कपड़ा लड्डू गोपाल जी के सिर पर ओढ़ाकर, उन्हें एक दुपट्टे की तरह पहनाएं।

– हरे रंग का कपड़ा लड्डू गोपाल जी के आस-पास बिछाकर, उन्हें एक आसन दें।

– लड्डू गोपल जी को मोती, सितारे और अन्य श्रृंगार सामग्री से सजाएं।

– लड्डू गोपाल जी को फूलों की माला पहनाएं।

– लड्डू गोपाल जी के सामने मेवा और मिठाई का भोग लगाएं।

– धूप और दीपक जलाकर लड्डू गोपाल जी आरती करें।

– लड्डू गोपाल जी के मंत्रों का जाप करें।

इन मंत्रों का जाप करें

यह सर्वशक्तिमान मंत्र है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंत्र का जाप करने श्री विष्णु की कृपा प्राप्त होती है  और सभी पापों का नाश होता है।

– ॐ नमो नारायणाय

-ॐ वासुदेवाय नमः

-ॐ श्रीकृष्णाय नमः

-ऊं नमो भगवते वासुदेवाय

-ॐ राधे गोविंदाय नमः

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