उमेश पाल हत्याकांड : भाजपा से पार्षदी का चुनाव लड़ने की तैयारी में था शूटर गुलाम

माफिया अतीक अहमद के शार्प शूटर गुलाम हसन की राजनीतिक महात्वाकांक्षा भी सामने आई है। वह इस बार भाजपा के टिकट पर मेहंदौरी से पार्षदी का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। छात्र राजनीति में भी उसकी दखल के चर्चे हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की सियासत में वह सक्रिय रहा है। वह कुछ बड़े भाजपा नेताओं के संपर्क में था और उनको ढाल बनाकर काले कारनामों को अंजाम दे रहा था।

नगर पालिका परिषद के सभासद रहे हरमूदुल हसन के तीन पोतों में गुलाम हसन दूसरे नंबर का है। घर बुलडोजर से ढहाए जाने के दौरान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए राहिल हसन के चेहरे पर पीड़ा के भाव साफ नजर आ रहे थे। वह अपनी मां से लिपटकर अपने भाई के गुनाहों पर पश्चाताप करता रहा। पड़ोसियों ने बताया कि वर्ष 2010-12 में वह नगर निगम में ठेकेदारी कर रहा था।

कई माफिया के संपर्क में था

उसी दौरान ठेकेदार चंदन से विवाद होने पर उसने उसे गोली मार दी थी। तभी से वह अपराध जगत में अपनी दखल बढ़ाने लगा था। वह कई माफिया के संपर्क में रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई के दौरान वह संकाय का चुनाव भी लड़ चुका था। पिता मासूदुल हसन और मां खुशनुदा रसूलाबाद के पुश्तैनी मकान में एक कमरा गुलाम को मिला था। पड़ोसियों के मुताबिक वह उस घर में कभी-कभार ही आता था। अक्सर वह कई दिनों तक बाहर ही रहता था।

उसका निकाह पास के ही मेहंदौरी मुहल्ले में सना से हुआ है । शना से उसकी दो बेटियां भी हैं। बड़ी बेटी फरीदा चार साल की है, जबकि छोटी बेटी मिनाहिल डेढ़ वर्ष की। उमेश पाल हत्याकांड में सीसीटीवी फुटेज के जरिए पहचान होने के बाद इस मामले में पुलिस उसकी पत्नी सना से भी पूछताछ कर चुकी है। फिलहाल सना अपनी दोनों बेटियों के साथ रिश्तेदारी में शरण लिए हुए है।

टोपी-जैकेट में इलेक्ट्रानिक शॉप से निकलकर गोली बरसाने वाला ही गुलाम: राहिल हसन

सीसीटीवी फुटेज में उस्मान के बाद अमित इलेक्टानिक शॉप से निकलकर उमेश पर टोपी-जैकेट में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाला शख्स ही गुलाम हसन है। इसका तस्दीक सोमवार को उसके भाई राहिल हसन ने घर ढहाए जाने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में की। उसने बताया कि सीसीटीवी फुटेज को कई बार देखने के बाद वह आश्वस्त हो गया कि उमेश पर गोली चलाने वाला उसका भाई गुलाम ही है। राहिल का कहना था कि वह उसके कारनामों से परिचित नहीं था।

प्रयागराज। ठेकेदार चंदन की गोली मारकर हत्या करने वाला गुलाम लंबे समय से माफिया अतीक अहमद के संपर्क में रहा है। बताते हैं कि चंदन के परिजनों पर दबाव बनाकर बाद में अतीक ने ही गुलाम से सुलह करा दी थी। हत्या के इस मामले में गुलाम सुलह करने के बाद अपनी हनक बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं के संपर्क में आ गया था। गुलाम का भाई राहिल प्रदेश सरकार के एक मंत्री के यहां नौकरी भी कर चुका है।

Related posts

Leave a Comment