माफिया अतीक अहमद के शार्प शूटर गुलाम हसन की राजनीतिक महात्वाकांक्षा भी सामने आई है। वह इस बार भाजपा के टिकट पर मेहंदौरी से पार्षदी का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। छात्र राजनीति में भी उसकी दखल के चर्चे हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की सियासत में वह सक्रिय रहा है। वह कुछ बड़े भाजपा नेताओं के संपर्क में था और उनको ढाल बनाकर काले कारनामों को अंजाम दे रहा था।
नगर पालिका परिषद के सभासद रहे हरमूदुल हसन के तीन पोतों में गुलाम हसन दूसरे नंबर का है। घर बुलडोजर से ढहाए जाने के दौरान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए राहिल हसन के चेहरे पर पीड़ा के भाव साफ नजर आ रहे थे। वह अपनी मां से लिपटकर अपने भाई के गुनाहों पर पश्चाताप करता रहा। पड़ोसियों ने बताया कि वर्ष 2010-12 में वह नगर निगम में ठेकेदारी कर रहा था।