उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के संशोधित परिणाम से बाहर हुए सहायक आचार्यों के समर्थन में आया संगठन

प्रयागराज । उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या 50 के चार विषयों के संशोधित परिणाम से बाहर हुए सहायक आचार्यों के समर्थन में मैं उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ ने  उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर संशोधित परिणाम से बाहर हुए सहायक आचार्यों को समायोजित करने की मांग की। संगठन ने माननीय उच्च शिक्षा मंत्री को संबोधित पत्र में कहा कि विज्ञापन संख्या 50 में गणित, संस्कृत, शारीरिक शिक्षा एवं अर्थशास्त्र विषयों के पूर्व घोषित चयन परिणाम के पश्चात उच्च शिक्षा निदेशालय से आवंटित किये गये महाविद्यालयों में कार्यभार ग्रहण किया एवं 5 – 6 माह से अपनी सेवाएँ दे रहें हैं। आयोग ने अपने संकल्प संख्या 1193 दिनांक 21/12/2022 के क्रम में चार विषयों का परिणाम संशोधित करके कार्यभार ग्रहण किए कुछ शिक्षकों को परिणाम से बाहर कर दिया एवं कुछ को प्रतिक्षा सूची में कर दिया। जिसमें कई आचार्य ऐसे हैं जिन्होंने पूर्व की सेवाओं से त्यागपत्र देकर एवं कुछ अन्य सेवाओं में न जाकर सहायक आचार्य पद को अपना कैरियर बनाया था। आयोग की लापरवाही एवं गैर जिम्मेदाराना कार्य से इन सहायक आचार्यों के समक्ष आजीविका का एक गंभीर संकट खड़ा हो गया है । इस संपूर्ण प्रकरण में इतने लोगों के समक्ष जो आजीविका का संकट उत्पन्न करने वाले दोषी व्यक्ति अथवा संस्था को अभी तक चिन्हांकिंत भी नहीं किया गया और जिनका कोई दोष नहीं ऐसे सहायक आचार्यों को बाहर करना किस प्रकार से न्यायसंगत है। इस  पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं महामंत्री ने इन सहायक आचार्यों की आजीविका के समर्थन में माननीय शिक्षामंत्री को इस प्रकरण को संज्ञान लेकर संबन्धित दोषी व्यक्तियों एवं संस्था को दंडित किया जाये एवं निर्दोष शिक्षको को समायोजित किया जाए। पत्र की प्रतिलिपि  मुख्यमंत्री महोदय , प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा तथा  शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा निदेशालय को भी भेजी गयी।

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