आज न्यू ऊंचडीह स्टेशन जो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेलवे का स्टेशन है , मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड की साइडिंग (मुन्नू – MUNU) के साथ कनेक्शन हो गया I साथ ही पहला रेक (कोयला लदा हुआ), मुन्नू साइडिंग में भेजा गया I
पहले रेक का प्लेसमेंट श्री ए बी सरन , मुख्य महाप्रबंधक(प्रयागराज पूर्व), श्री मन्नू प्रकाश दुबे, अपर महाप्रबंधक (परिचालन एवं व्यवसाय विकास) और MUNPL के श्री सरित महेश्वरी, महाप्रबंधक(संचालन और रखरखाव), श्री गुरु प्रसाद सिंह, महाप्रबंधक(रखरखाव और ईंधन प्रबंधन), श्री अजीत बसाक, महाप्रबंधक (संचालन),श्री प्रदीप कुमार साबत, महाप्रबंधक, श्री संजय कुमार सिंह , अपर महाप्रबंधक(ईंधन प्रबंधन), और अन्य अधिकारियो की उपस्तिथि में हुआ I
कनेक्शन के हो जाने के बाद अब धनबाद डिवीजन / ईसीआर से आने वाला कोयला डायरेक्ट डी एफ सी लाइन के द्वारा मुन्नू साइडिंग (MUNPL) में दिया जाएगा I
2017 में कोल इंडिया द्वारा शुरू किए गए ‘कोलविज़न 2030’ के अनुसार, घरेलू कोयले की मांग 2030 तक 1,300-1,900 एमटीपीए (millions of ton per annum) होने का अनुमान लगाया गया था।
लक्ष्य घरेलू कोयला उत्पादन क्षमता 2030 तक 1,500 एमटीपीए होने का अनुमान लगाया गया था। इतनी अधिक मात्रा में कोयले का परिवहन और आवश्यक निकासी क्षमता बनाना चुनौतीपूर्ण है, कोयला के बड़े हिस्से को बिजली उपयोगिता और उपयोगकर्ता उद्योगों तक पहुंचाया जाना है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को निर्धारित समय अवधि में माल पहुंचाने के लिए बनाया गया हैं। देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ इसके ऊर्जा जरूरते भी लगातार बढ़ रही हैं I 50 किमी प्रति घंटे की औसत गति आसानी से प्राप्त होने पर औसत गति दोगुनी हो जाएगी। औसत गति दोगुनी होने से रोलिंग स्टॉक की आवश्यकता लगभग आधी हो जाएगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लाइन 25 टन के एक्सल लोड मानक के अनुसार बनाया गया है, जिसमें भविष्य में इसे 32.5 टन के एक्सल लोड मानक तक अपग्रेड करने की क्षमता है।इसलिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की मदद से कोल विजन 2030 पूर्ण होते हुए दिख रहा है
गति में औसत वृद्धि से न केवल MUNU बिजली संयंत्र में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति में वृद्धि होगी, बल्कि महत्वपूर्ण स्टॉक की नियमित आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी और अंततः उत्तर प्रदेश क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की सर्वोत्तम सेवाएं मिलेंगी और देश के राजस्व में समग्र वृद्धि होगी।
यह कनेक्शन भारतीय रेलवे को अपनी समर्पित यात्री सेवाओं को चलाने में आराम देगा। डीएफसी कॉरिडोर पर रेक के तेजी से चलने से पावर हाउस को समय पर ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।