ईरान की महिला प्रदर्शनकारियों को मिला हैकर्स का साथ

ईरान में महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए हिजाब के विरोध में प्रदर्शन लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। देशभर में महिलाएं सड़कों पर हैं और सरकार का विरोध कर रही हैं। इस महिलाओं को कअ अन्य देशों में भी समर्थन मिल रहा है। इसी बीच, यूरोपीय संघ की सांसद के बाद हिजाब का विरोध कर रही इन महिला प्रदर्शनकारियों को  हैकर्स का भी समर्थन मिल रहा है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैकर्स ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई को अपना निशाना बनाया है।

हैकर्स ने टीवी पर चल रही खामेनेई की एक क्लिप को हैक करके उसे हटाकर  ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई की एक आग से झुलसती हुई तस्वीर दिखाई। अतना ही नहीं, इसी के साथ महसा अमीनी सहित उन तीन लड़कियों की तस्वीर भी दिखाई गई जो हिजाब विवाद में मारी गई हैं। रिपोर्टेस के मुताबिक, इस हैकिंग को एडलैट-ए अली हैक्टिविस्ट ग्रुप ने अंजाम दिया है। गौरतलब है कि खामेनेई की इस तस्वीर पर एक निशान भी दिखाया गया है, साथ ही फारसी भाषा के कुछ शब्द भी लिखे गए हैं। इसमें हैकर्स ने कहा है कि आपके हाथ हमारे देश के युवाओं के खून से सने हैं।

स्वीडिश राजनेता अबीर अल सहलानी ने काटे बाल
गौरतलब है कि इससे पहले हाल ही में स्वीडिश राजनेता अबीर अल सहलानी ने संसद में अपने बाल काट कर ईरान की महिलाओं का समर्थन किया था। तब उन्होंने कहा था कि यूरोपीय संघ के लोगों और यूरोप के नागरिकों की मांग है कि ईरान में पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ सभी तरह की हिंसा को बिना शर्त तत्काल रोक दिया जाए।

ईरानी धर्मगुरुओं के हाथ खून से सने हुए
यूरोपीय संसद की सदस्य अबीर अल-सहलानी ने कहा था कि ईरान की महिलाओं ने तीन सप्ताह तक लगातार साहस दिखाया है। वे  स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन के साथ अंतिम कीमत चुका रही हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में बोलने से अब काम नहीं चलेगा, यह कार्रवाई करने का समय है। उन्होंने आगे कहा कि ईरान में धर्मगुरुओं की हुकूमत के हाथ खून से सने हैं। न तो इतिहास और न ही सर्वशक्तिमान ईश्वर उनको मानवता के खिलाफ किए गए उन अपराधों के लिए माफ करेगा जो वे अपने ही लोगों के खिलाफ कर रहे हैं।

13 सितंबर को हुई थी महसा अमीनी की मौत
गौरतलब है कि ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में 13 सितंबर को तेहरान में ईरान की नैतिकता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत हो गई थी। महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान की स्कूली छात्राओं और महिलाओं ने बड़ी संख्या में हिजाब को हटाकर और अपने बालों को काटकर प्रदर्शन किया है। नॉर्वे के एनजीओ ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) के मुताबिक, कथित रूप से ईरान पुलिस द्वारा महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जताई थी चिंता
बीते सप्ताह, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ईरान में प्रदर्शनों में बढ़ती मौत की खबरों के बारे में चिंता जाहिर की थी। उन्होंने ईरान के सुरक्षा बलों से अनावश्यक बल प्रयोग को बंद करने का आह्वान किया था। वहीं, महिलाओं के विरोध पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने सोमवार को देश में चल रहे विरोध के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को दोषी ठहराया था।

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