अलीगढ़।
हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का खास महत्व है धार्मिक मान्यतानुसार, इस दिन विधि पूर्वक निर्जला व्रत रखने से पति को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को रखा जाता है करवा चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं निर्जला व्रत करवा चौथ हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. ज्योतिर्विद हिमांशु शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का बेहद खास महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. इसके साथ ही इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव, मां पर्वती और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करती हैं. आइए जानते हैं ज्योतिर्विद हिमांशु शास्त्री ने बताया कि व्रत के लिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर, गुरुवार को पड़ रही है. चतुर्थी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 59 मिनट से हो रही है. वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 8 मिनट पर होगा.
इस साल चंद्रोदय व्यापिनी मुहूर्त 13 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है. ऐसे में करवा चौथ की पूजा इस दिन ही होगी करवा चौथ पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 09 मिनट तक है. यानी करवा चौथ की पूजा के लिए 1 घंटा 15 मिनट का समय मिलेगा इस दिन महिलाएं इसी शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की पूजा करेंगी तो बेहतर रहेगा. करवाचौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 09 मिनट है