इस्राइली मशीनगन से लेकर अमेरिकी स्नाइपर राइफल तक, मेले में देखिए पुलिस की ताकत

क्या आपको मालूम है कि उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते के पास इस्राइल की ग्लॉक 17 मशीनगन है। बिना मूव किए ही इस हाईटेक गन के जरिये चारों दिशाओं में दुश्मनों को ढेर किया जा सकता है। इसी तरह अमेरिका में बनी स्नाइपर राइफल भी है। इससे 1.8 किमी की दूरी पर स्थित दुश्मन को भी मार गिराया जा सकता है। यूपी पुलिस की ऐसी कई ताकतों को करीब से देखने और जानने का मौका महाकुंभ में मिल रहा है।त्रिवेणी मार्ग स्थित पुलिस गैलरी में अत्याधुनिक हथियारों, सुरक्षा उपकरणों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पुलिस की विभिन्न इकाइयों की कार्यप्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी ने गैलरी का उद्घाटन किया है। गैलरी में पुलिस इकाइयों की कार्यप्रणाली और उनके पास मौजूद हाईटेक हथियारों व सुरक्षा उपकरणों के साथ तीन नए कानून के बारे में भी जानकारी दी गई है।

गैलरी में प्रवेश करते ही अभियोजन निदेशालय ने अपनी कार्यप्रणाली व उपलब्धियां को दर्शाने वाला कॉर्नर बनाया है तो इसके ठीक बगल में कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाओं के कॉर्नर में कारागार में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है। इन्हीं से सटे तीन अलग-अलग कॉर्नर में न्यायालय, प्रशिक्षण निदेशालय और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने अपने काम करने के तरीकों और उपकरणों का प्रदर्शन किया है।

इसके बाद बारी आती है एसटीएफ और एटीएस के कॉर्नर की। यहां दोनों इकाइयों की ओर से उन हाईटेक हथियारों का प्रदर्शन किया गया है, जिसका उपयोग दोनों एजेंसियां काउंटर ऑपरेशन के दौरान करती हैं। इनमें इस्राइल ग्लॉक मशीनगन के साथ अमेरिकी स्नाइपर राइफल, रूस की एक-47 एसॉल्ट गन, ऑस्ट्रियाई ग्लॉक-17 पिस्टल के अलावा स्वदेशी कंपैक्ट ग्रेनेड रॉकेट लांचर और मोर्टार लांचर आदि शामिल हैं। इसी तरह यातायात निदेशालय, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, पुलिस थाना, सोशल मीडिया सेंटर, पुलिस तकनीकी सेवाएं और विधि विज्ञान प्रयोगशाला आदि इकाइयों के बारे में भी बताया गया है।

1938 में हरिद्वार कुंभ में पहली बार वायरलेस टेक्नोलॉजी का हुआ था इस्तेमाल

गैलरी के पुलिस दूरसंचार इकाई के कॉर्नर में आने पर वर्तमान महाकुंभ में इस्तेमाल होने वाली मोबाइल संचार व्यवस्था का मॉडल देखने को मिलता है। इसके साथ ही 86 वर्ष पुरानी संचार व्यवस्था के मॉडल को देखकर यह जानकारी मिलती है कि 1938 में पहली बार हरिद्वार कुंभ में तीन हाथियों पर उपकरण बांधकर वायरलेस टेक्नोलॉजी पर आधारित मोबाइल संचार व्यवस्था का इस्तेमाल करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य था।

बिना छुए ही संदिग्ध सूटकेस, बैग को नष्ट कर देता है वाटर जेट डिसरप्टर

गैलरी में अभिसूचना इकाई के अंतर्गत आने वाले सुरक्षा विभाग का काउंटर भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां उन हाईटेक उपकरणों को दर्शाया गया है जो वीवीआईपी के अलावा महत्वपूर्ण धार्मिक सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इनमें एएस चेक व बम डिस्पोजल स्क्वाॅड की की ओर से इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को दर्शाया गया है। इनमें से बंदूक जैसा दिखने वाला वाटर जेट डिसरप्टर भी है। इसकी खासियत यह है कि किसी भी संदिग्ध सूटकेस बैग या बक्से के मिलने पर यह उसे बिना छुए नष्ट कर सकता है।

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