इलाहाबाद विश्वविद्यालय नए सत्र से सभी कोर्सों में बढ़ाएगा फीस

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नए शैक्षिक सत्र 2022-23 से सभी पाठ्यक्रमों की फीस में वृद्धि करने की तैयारी है। स्नातक और परास्नातक स्तर के संचालित परंपरागत पाठ्यक्रमों का शुल्क बढ़ाया जाएगा। इस मसले पर कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शनिवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक होगी। बढ़ी फीस नए सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों पर ही लागू होगी।

नए सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत दस नए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की तैयारी है। इन पाठ्यक्रमों के संचालन को मंजूरी के लिए एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा। विश्वविद्यालय में कई वर्षों से फीस नहीं बढ़ाई गई है। पीआरओ डॉ. जया कपूर ने बताया कि विश्वविद्यालय एक लंबे समय से वित्तीय संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। विश्वविद्यालय में अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में फीस काफी कम है। सन 1912 में ट्यूशन फीस 12 रुपये थी और अभी यह मात्र 900 रुपये ही है। इस संदर्भ में शनिवार को होने वाली अकादमिक काउंसिल की बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है।

प्री-पीएचडी कोर्स की एकरूपता पर लग सकती है मुहर
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्री-पीएचडी कोर्स को एकरूपता दिए जाने की तैयारी है। विश्वविद्यालय ने इसके लिए नया पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। प्री-पीएचडी के लिए यह पाठ्यक्रम संकायवार (कला, विज्ञान, वाणिज्य और विधि) होगा। संकायवार कक्षा और परीक्षा होगी। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इसे रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद नए पाठ्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू कर दिया जाएगा। शोधार्थियों को छह माह का प्री-पीएचडी कोर्स अनिवार्य रूप से करना होगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अब तक विभागवार प्री-पीएचडी के लिए कोर्स तैयार किए जाते थे। जैसे कला संकाय के अंतर्गत संचालित होने वाले विषयों के लिए अलग-अलग कोर्स तैयार किए जाते थे। इससे प्री-पीएचडी के कोर्स संचालन और परीक्षा की तिथि भी अलग-अलग होती थी। इससे शोधार्थियों को समय पर शोधकार्य पूरा करना चुनौती होती थी।

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