पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने तत्काल और पारदर्शी चुनाव पर चर्चा के लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की है। इससे पहले आज अल्वी ने कहा कि वह पाकिस्तान के अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के संबंध में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह का पालन करेंगे उन्होंने यह भीकहा कि वह इस बहुप्रतीक्षित प्रक्रिया में बाधा नहीं डाल सकते।
देश के एक प्रमुख समाचार चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर में वरिष्ठ पत्रकार के साथ एक अनौपचारिक चर्चा की। इसी दौरान उन्होंने यह दावा किया। उन्होंने अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में भी बात की। जनरल बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इमरान खान ने कहा कि सशस्त्र बलों के प्रमुख की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की तरह की जानी चाहिए। खान ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार अपने फायदे के लिए सेना अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव ला रही है। उन्होंने कहा, सेना अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। खान ने यह भी बताया कि लाहौर में जनरल बाजवा ने उनसे मुलाकात नहीं की है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे कहा, मैं खुद रावलपिंडी से लॉन्ग मार्च का नेतृत्व करूंगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले प्रधानमंत्री बनने की संभावना के बारे में एक सवाल के जवाब में खान ने कहा कि वह तभी प्रधानमंत्री बनेंगे, जब उन्हें पूरी शक्तियां मिलेंगी। सूत्रों ने खान के हवाले से कहा, ऐसा नहीं हो सकता कि एक व्यक्ति के पास अधिकार और जिम्मेदारी किसी अन्य व्यक्ति के पास हो।
खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के जरिए पद से बेदखल कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें पद से हटाने के पीछे अमेरिकी नेतृत्व की साजिश थी, क्योंकि वह रूस, चीन और अफगानिस्तान पर ‘स्वतंत्र विदेश नीति’ के फैसले ले रहे थे। हालांकि, अमेरिका ने इन आरोपों को खारिज किया था। क्रिकेटर से राजनेता बने खान देश के इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्हें अविश्वास मतद के जरिए पद से हटाया गया है। खान अब नए सिरे से चुनाव की मांग कर रहे हैं।