इफ्को दुर्घटना का खुलासा न होने से अधिकारियों में बेचैनी

प्रयागराज। फूलपुर स्थित इफ्को में विगत 22 दिसम्बर को हुए दुर्घटना की जांच करने टीम आई और मामला एकदम शान्त है। इसके कारण वहां के अधिकारियों-कर्मचारियों में भय व्याप्त है कि जांच के नाम पर लीपापोती कर किसी छोटे अधिकारी को बलि का बकरा बनाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि विगत 22 दिसम्बर को यूनिट वन के अमोनिया पम्प का प्लंजर उड़ जाने के कारण 240 केजी प्रेशर के साथ भारी मात्रा में अमोनिया गैस निकल कर वातावरण में रात्रि ग्यारह बजे फैल गई थी। स्थितियां नियंत्रण में करने की कोशिश में दो अधिकारी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था और लगभग बीस से ज्यादा लोग गंभीर रूप से अस्वस्थ हो गये थे।

इफ्को में दबी जुबान से चर्चा यह भी है कि इसको बदलने के लिए कई बार कहा गया, लेकिन अधिकारी नजरअंदाज करते रहे। जिसका परिणाम सामने आया। लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना तरीके से अत्यंत पुराने पम्प से उत्पादन लेने की कोशिश के कारण ही यह दुर्घटना हुई। अगर दिन के समय यह पम्प फटता तो दुर्घटना की भयावहता का अंदाजा लगाना मुश्किल था। सूत्रों की मानी जाय तो दुर्घटना के बीस दिन बीत जाने के बाद भी इफ्को प्रबंधन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की, जो जांच को प्रभावित कर सकता है।

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