इन 5 शास्त्र विरुद्ध कामों के चलते व्यक्ति जल्द हो जाता है वृद्ध

पवित्र ग्रंथ गीता में भगवान श्रीकृष्ण अपने परम मित्र और शिष्य अर्जुन से कहते हैं कि मनुष्य में तीन तरह के गुण होते हैं, जो सतो गुण, रजो गुण एवं तमो गुण हैं। सतो गुण वाले लोग सात्विक विचारधारा के होते हैं। ये लोग ईश्वर के शरण और चरण में रहते हैं और सात्विक कर्म करते हैं। साथ ही सात्विक भोजन भी ग्रहण करते हैं। इसके लिए सतो गुण का पालन करने वाले लोगों की आयु लंबी होती है। वहीं, कलयुग में तमो गुण के अनुयायी अधिक हैं। तमो गुण वाले लोग न ही ईश्वर को मानते हैं और न ही धर्म का पालन करते हैं। अज्ञानवश तमो गुण के लोग खुद को परम मानने लगते हैं। इस वजह से तमो गुणी लोग ईश्वर की निंदा करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो ईश्वर के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं। इसके अलावा, तामसिक भोजन करते हैं। इसके चलते उनकी आयु कम होती है। शास्त्र विरुद्ध काम करने वाले लोग जल्द वृद्ध हो जाते हैं। आइए जानते हैं-

शास्त्र की मानें तो ईश्वर को न मानने वाले और परम पिता परमेश्वर की निंदा करने वाले, शास्त्रों की अवहेलना करने वाले लोग अपने पाप कर्मों की वजह से जल्द वृद्ध हो जाते हैं।

-शास्त्रों की मानें तो जो लोग संध्याकाल यानी शाम के समय में भोजन करते हैं या शाम के समय में सोते हैं। उनकी आयु क्षीण हो जाती है। आसान शब्दों में कहें तो ऐसे लोग जल्द वृद्ध हो जाते हैं। शास्त्रों में शाम के समय में खाने या सोने की मनाही है। जैन धर्म में सूर्यास्त के पश्चात भोजन करने की पूरी तरह से मनाही है। इसके लिए शाम के समय में न भोजन करें और न ही शयन करें।

अगर आप किसी निर्धन, गरीब और कृपण का उपहास करते हैं, तो इस आदत में बदलाव करें। शास्त्र में गरीब, निर्धन या दिव्यांग लोगों का उपहास करने की मनाही है। ऐसा करने से व्यक्ति के पूर्व जन्मों का पुण्य फल क्षीण हो जाता है। इससे व्यक्ति की आयु भी कम होती है। साथ ही सुख में भी कमी आती है।

-शास्त्र में लिखा है कि किसी के प्रति द्वेष भावना नहीं रखनी चाहिए। वहीं, परनिंदा भी नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, किसी के प्रति कठोर शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति को मानसिक आघात पहुंचता है। इस प्रकार के स्वभाव से व्यक्ति खुद भी दुखी रहता है। इससे आयु घटती है। शास्त्र में इन चीजों की मनाही है।शास्त्रों की मानें तो देव तिथियों पर ब्रह्मचर्य नियमों का जरूर पालन करें। इससे व्यक्ति दीर्घायु होता है। साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, धन और वैभव का आगमन होता है। शास्त्र विरुद्ध कार्य करने वाले लोगों की आयु क्षीण होती है।

Related posts

Leave a Comment