आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने जिहाद के लिए खुलेआम मांगा पैसा

अमेरिका की ओर से प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आतंकी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद ने पेशावर सहित अन्य स्थानों पर ईद के दौरान आयोजित समारोह में खुलेआम जिहाद के लिए फंड मांगा है। इसकी वजह से पाकिस्तान ने वैश्विक आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ द्वारा निर्धारित महत्वपूर्ण रेडलाइन का उल्लंघन किया गया है।

पिछले साल ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया है। जिन देशों को टेरर फंडिंग का समर्थन करने के लिए सुरक्षित स्थल माना जाता है, उन्हें एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाता है। इस सूची में शामिल किया जाना संबंधित देश के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है कि उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया सकता है।

ईद कार्यक्रम के दौरान रुपयों की मांग की थी

जैश-ए-मोहम्मद के सदस्यों ने कश्मीर और फलस्तीन में जिहाद के लिए पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रुपयों की मांग की थी। कई पाकिस्तानी ट्विटर यूजर की ओर से देश के अन्य हिस्सों में इसी तरह फंड मांगे जाने की बात कही गई है। कई यूजर्स का कहना है कि इस तरह फंड की मांग करना कई मस्जिदों में आम बात है। कभी कभार सुरक्षा अधिकारियों के संरक्षण में ऐसा किया जाता है।

कई अन्य ट्विटर पोस्ट में दावा किया गया है कि ये आतंकी ग्रुप कराची की मस्जिदों में खुलेआम जेहाद के लिए फंड की मांग करते हैं। ईद के दौरान इस तरह का मामला सामने आने के बाद साफ है कि पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने का एफएटीएफ से किया गया अपना वादा पूरा नहीं कर पाया है।

जैश-ए-मोहम्मद सक्रिय

जून 2021 में एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में शिथिलता का हवाला देते हुए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर करने से मना कर दिया था। वास्तव में जैश-ए-मोहम्मद तब भी सक्रिय था, जब पाकिस्तान को पिछले साल एफएटीएफ द्वारा प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया गया था।

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