अरबपतियों ने हर मिनट 2.5 करोड़ रुपये कमाए, गरीबों में भूखमरी बढ़ी

दुनियाभर में असमानता और गरीबी पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ओक्सफैम ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब आज भी भारत में ही रहते हैं। आर्थिक असमानता के चलते देश के 70% लोगों बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है।

अच्छा भोजन नहीं मिलने के कारण 1.7 करोड़ लोग अलग-अलग तरह की बीमारियों से ग्रसित हो गए। आइए ऐसे ही दस बातों को समझते हैं। ये भी जानने की कोशिश करते हैं कि इसका क्या असर पड़ेगा? इस रिपोर्ट को जारी करने वाली संस्था का क्या इतिहास रहा है? 1. एक फीसदी अमीरों के पास देश की 40 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति
ओक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के एक फीसदी अमीरों के पास देश की 40.5 प्रतिशत से ज्यादा की संपत्ति है। भारत के 21 सबसे अमीर अरबपतियों के पास मौजूदा समय में देश के 70 करोड़ लोगों से ज्यादा दौलत है। बाकी 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का तीन प्रतिशत हिस्सा है। 2. अरबपतियों ने हर घंटे 2.5 करोड़ रुपये कमाए
कोरोनाकाल में देश के अमीरों को सबसे ज्यादा फायदा मिला। आंकड़ों के अनुसार, दो साल में देश के टॉप अरबपतियों की संपत्ति में 121 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अरबपतियों की संपत्ति में हर एक मिनट 2.5 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। हर दिन 3,608 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। देश के सबसे अमीर यानी गौतम अडाणी की संपत्ति में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 3. कोरोनाकाल में 62 फीसदी अरबपति बढ़े
कोरोनाकाल में सिर्फ अमीरों की संपत्ति ही नहीं बढ़ी है, बल्कि अमीरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच देश में 62.7451% अरबपति बढ़ गए। कोरोनाकाल से पहले यानी 2020 तक देश में 101 अरबपति थे। 2022 में इनकी संख्या 166 पहुंच गई। हेल्थ केयर और फार्मा सेक्टर में सात नए अरबपति शामिल हुए। कुल 32 अरबपति हेल्थ सेक्टर से हैं। 31 अरबपति मैनुफैक्चरिंग सेक्टर से हैं। 4. दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब भारत में
रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब भारत में ही रहते हैं। यहां 22.89 करोड़ लोग काफी गरीब हैं। इनकी आर्थिक हालत काफी खराब है। 5. अरबपतियों पर टैक्स बढ़ाने से देश के आम लोगों को फायदा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर इन अरबपति के अनरियलाईज्ड गेन्स (आमदनी) पर एकबारगी 20 प्रतिशत टैक्स लगा दिए जाएं तो देश को 1.8 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। इसके जरिए प्राथमिक विद्यालयों में 50 लाख अध्यापकों को रोजगार देने के लिए लगाया जा सकता है। वहीं, अगर देश के टॉप-10 अमीरों पर पांच प्रतिशत टैक्स लगा दिया जाए तो देश के सभी बच्चों को स्कूल भेजा जा सकता है। अगर भारत के सभी अरबपतियों पर दो फीसदी की दर से टैक्स बढ़ा दिया जाए तो देश में अगले तीन साल तक कुपोषण से जूझ रहे बच्चों के लिए 40,423 करोड़ रुपये जुट जा सकते हैं।

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