चीन और सऊदी अरब के साथ अमेरिका के बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुरुवार को रियाद पहुंचेंगे। वे सऊदी अरब की राजधानी रियाद में चीन-अरब शिखर सम्मेलन (China-Arab Summit) में भाग लेंगे। इसमें 14 अरब देशों के राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने की संभावना है।
सीएनएन ने मंगलवार को सूत्रों के हवाले से जिनपिंग की रियाद यात्रा की जानकारी दी। जिनपिंग की दो दिनी सऊदी अरब यात्रा के दौरान चीन-जीसीसी कॉन्फ्रेंस भी होने की संभावना है। सऊदी अरब अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बाद भी मध्य पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा सहयोगी है। जिनपिंग की सऊदी अरब यात्रा को लेकर महीनों से अटकलें जारी हैं। हालांकि, न तो सऊदी अरब और न ही चीन की सरकार ने जिनपिंग की यात्रा की पुष्टि की है।
तेल उत्पादन को लेकर अमेरिका और सऊदी अरब में तकरार
सीएनएन की रिपोर्ट के अमेरिका के चीन के साथ ही सऊदी अरब के साथ भी संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। चीन और सऊदी अरब ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अलग-अलग रुख अपनाया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ने रूस पर प्रतिबंधों का समर्थन करने से परहेज किया है। रियाद ने तो बार-बार कहा है कि रूस एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक भागीदार है। इसलिए उससे ओपेक+ देशों के तेल मूल्यों संबंधी फैसलों पर परामर्श किया जाना चाहिए।
अमेरिका ने तेल उत्पादन में कटौती का विरोध किया था
दरअसल, तेल उत्पादन को लेकर अमेरिका और सऊदी अरब अभी भी विवाद में उलझे हुए हैं। अक्तूबर में दोनों देशों के बीच इसे लेकर गर्मागर्म बयानबाजी हुई थी। इसके बाद सऊदी के नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के गठजोड़ ओपेक+ (OPEC+) ने कीमतों को कथित तौर पर ‘स्थिर’ करने की कोशिश करते हुए उत्पादन में 20 लाख बैरल रोजाना की कमी कर दी। अमेरिका की कड़ी आपत्ति के बाद भी यह फैसला लिया गया।
जुलाई में बाइडन पहुंचे थे सऊदी अरब, पत्रकार खशोगी की हत्या का मुद्दा उठाया था
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी अरब की यात्रा की थी। वहां उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मुलाकात के दौरान जमाल खशोगी की 2018 की हत्या का मुद्दा उठाया। बाइडन ने कहा था कि उनका मानना है कि अमेरिका में रह रहे पत्रकार की मौत के लिए सऊदी नेता जिम्मेदार हैं।