प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा का चीन के मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं बल्कि यह भारतीय और अमेरिकी लोगों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के महत्व के बारे में एक संदेश देने के बारे में थी।
व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जान किर्बी ने शुक्रवार को यह बात कही।
एक प्रेस ब्रीफिंग में किर्बी ने कहा कि सच कहूं तो, भारत के सामने चीन के साथ चुनौतियां हैं और वे इन चुनौतियों का सामना बड़े पैमाने पर अपने दम पर करते हैं और आगे भी कर सकता है।
व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी ने आगे कहा,
किर्बी ने कहा कि भारत एक संप्रभु, स्वतंत्र राज्य है। भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी पर किर्बी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस यात्रा के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और पीएम मोदी ने पुष्टि की कि दोनों देशों के बीच साझेदारी पहले से कहीं अधिक गहरी और व्यापक हुई है।
भारत अपनी पसंद से खरीद सकता है तेल
रायटर के अनुसार एक और सवाल के जवाब में कर्बी ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत ग्रुप आफ सेवन द्वारा निर्धारित मूल्य सीमा पर या उससे नीचे की दर पर ही रूस से तेल खरीदेगा।