प्रयागराज। अपनी विद्वता एवं संघर्ष के दम पर फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले फिल्मी अमर गीतों के रचयिता और महान कवि गोपालदास नीरज का 97 वा जन्मदिन उनके काव्य पाठ एवं गीतों को गाकर कायस्थ संघ के कार्यकर्ताओं ने रॉयल होटल सिविल लाइंस में मनाया l
कायस्थ संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव नहीं गोपालदास नीरज के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लेखन के अलावा उन्होंने शिक्षक के रूप में अलीगढ़ के प्रतिष्ठित कॉलेज में प्राध्यापक रहते हुए अपना जीवन यापन किया l उन्होंने आगे कहा कि गोपालदास नीरज जी पद्म श्री और पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित हुए और प्रदेश सरकार द्वारा दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के दायित्व का भी बखूबी निर्वाह किया l
उन्होंने आगे कहा कि गोपालदास नीरज जी जब मंचों से झूम कर गीतों का गायन करते थे तो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया करते थे और श्रोता झूम उठे थे यह उनके गीत एवं गायन शैली की विशेषता थी l
श्री श्रीवास्तव ने गोपालदास नीरज को एक महान गीतकार एवं उत्कृष्ट कोटि का कवि बताया l
कार्यक्रम के अंत में उनकी प्रमुख कविताएं एवं “जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना धरा पर अंधेरा कहीं रह न जाए”. “अब के सावन में शरारत मेरे साथ हुई मेरा घर छोड़कर कुल शहर में बरसात हुई” के अलावा उनके गीतों को भी गाकर उनको नमन किया गया l
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महानगर अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव शुभेंदु श्रीवास्तव आलोक श्रीवास्तव शासकीय अधिवक्ता सत्य प्रकाश श्रीवास्तव अधिवक्ता प्रदीप श्रीवास्तव रवि श्रीवास्तव दादा राजा श्रीवास्तव फागुनी श्रीवास्तव संगीता श्रीवास्तव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे