अब विचाराधीन कैदियों का नहीं होगा मीडिया साक्षात्कार, हाई कोर्ट ने लगाई रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) को पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी की जेल तथा जेल के बाहर कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस घेरे में रखकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। साथ ही मीडिया को विचाराधीन कैदी का साक्षात्कार लेने पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने कहा, वह मीडिया के विचाराधीन कैदियों के साक्षात्कार लेने के खिलाफ नहीं है, किंतु अभी हाल ही में विचाराधीन कैदियों की हत्या मीडिया कर्मियों के वेश में आए अपराधियों द्वारा की गई। इस घटना को देखते हुए कैदी के सुरक्षा हित में यह प्रतिबंध लगाना पड़ा है, जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रहा है।

अंसारी की बीवी अफ्सां अंसारी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने बहस की। याची ने जेल और उसके (जेल के) बाहर कोर्ट में पेशी के दौरान अपने शौहर की हत्या किए जाने के खतरे की आशंका को लेकर हाई कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है। मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है।

डीएसपी मोहम्मदाबाद ने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि पुलिस व जेल प्राधिकारी मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर पूरी सावधानी बरत रहे हैं। जेल के भीतर और बाहर सुरक्षा उपाय किए गए हैं। सुरक्षा में एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल, आठ कांस्टेबल दो ड्राइवर को लगाया गया है। एसपी गाजीपुर की रिपोर्ट के अनुसार याची के शौहर की सुरक्षा कड़ी की गई है।

बांदा जेल के भीतर 70 सीसीटीवी कैमरों से आइजी जेल व आइजी पुलिस लगातार निगरानी कर रहे हैं। अंसारी को अधिकतम सुरक्षा दी गई है। कोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट पर संतोष जताया किंतु लेकिन हाल ही में अतीक अहमद तथा मोहम्मद अशरफ की अपराधियों द्वारा हुई हत्या की घटना को देखते हुए डीजीपी को सुरक्षा और कड़ी करने का निर्देश दिया।

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