अपनाना चाहते हैं ग्लूटन-फ्री डाइट, तो पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

आपने कई बार ग्लूटन-फ्री खाने के बारे में सुना या पढ़ा होगा। इसके बारे में पढ़ने के दौरान आपने यह भी सोचा होगी कि क्यों न इसे अपना लिया जाए। फिटनेस फ्रीक्स का एक वर्ग है, जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी है, और वे ही ग्लूटेन मुक्त अभियान के पीछे हैं। ग्लूटेन कई लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बनता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।इसमें कोई शक़ नहीं कि ग्लूटन कई लोगों में एलर्जी का कारण बनता है लेकिन साथ ही यह दूसरों को कई तरह के फायदे भी पहुंचाता है। यह प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला प्रोटीन, ज़्यादातर अनाज में होता है, जो फायदों का एक पावरहाउस है, जिसे दुर्भाग्य से कई लोगों का शरीर पचा नहीं पाता। तो इसलिए इस ट्रेंड को फॉलो करने से पहले ग्लूटन के बारे में सभी चीज़ों को जान लें और साथ ही यह भी जान लें कि ग्लूटन का सेवन न करने से क्या-क्या हो सकता है।बहुत से लोग ग्लूटन को ठीक से पचा नहीं पाते हैं और इसलिए बढ़ती जागरूकता के साथ लोग ग्लूटेन मुक्त होने लगे हैं। गेहूं हमारी डाइट का एक बड़ा हिस्सा है। आज के ज़माने में गेंहू के जो बीच बोये जा रहे हैं, वे हाइब्रिड हैं। इन बीजों में भारी मात्रा में ग्लूटेन और अन्य प्रोटीन होते हैं, जिन्हें शरीर पचा नहीं पाता।कई स्वास्थ्य समस्याएं ग्लूटेन प्रोटीन से जुड़ी होती हैं। सीलिएक रोग, लस संवेदनशीलता, गेहूं की एलर्जी जैसे रोग ग्लूटन के प्रति असहिष्णुता के कारण होते हैं। ग्लूटन से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं में सीलिएक रोग सबसे आम है। इसमें, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ग्लूटन को एक विदेशी कण के रूप में मानती है और उस पर हमला करती है। बाद में आंत प्रणाली की लाइनिंग पर हमला करती है। इससे एनीमिया और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।ग्लूटेन एक प्रोटीन है, जो गेहूं के पौधे और कुछ अन्य अनाजों में पाया जाता है। वैसे तो यह सभी अनाजों में होता है लेकिन गेहूं में आमतौर पर पाया जाता है। ग्लूटेन नाम शायद इसकी गोंद जैसी स्थिरता से आता है जब इसे पानी के साथ मिलाया जाता है। यही वजह है जब रोटी बनाने के लिए आटे को गूंदने के लिए जब उसमें पानी मिलाया जाता है, तो यह चिपचिपा हो जाता है। इसकी गोंद जैसा गुण इसे बेकरी के लिए बेस्ट बनाता है।एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अपने लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है। एक्ने, बालों का झड़ना और यहां तक कि अवसाद भी ग्लूटन असहनशीलता की वजह से हो सकता है। आप जो चीज़ रोज़ खाते हैं, वे आप पर असर करती है। अगर आप किसी चीज़ से एलर्जिक हैं, तो उसकी जगह कोई दूसरी चीज़ ले लें। ग्लूटन असहनशीलता का सबसे बड़ा लक्षण है ब्लोटिंग यानी पेट फूलना। अगर खाने में अनाज खाने के बाद आपका पेट फूलने लगता है, तो इस पर नज़र रखें। अगर ऐसा दोबारा होता है तो अपनी डाइट से ग्लूटन हटाएं।

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