आज दिनांक 11.01.2020 को अध्यक्ष रेलवे बोर्ड श्री विनोद कुमार यादव द्वारा रेलवे बोर्ड के सदस्यों के साथ उत्तर मध्य रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे से संबंधित डीएफसी परियोजना की प्रगति और समन्वय से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की। अध्यक्ष रेलवे बोर्ड श्री यादव ने कहा कि डीएफसी ने पहले ही 500 रूट किमी का कमीशन कर लिया है और अन्य 500 किलोमीटर मार्च 2020 तक चालू होने की उम्मीद है और पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का क्रमश: 1856 एवं 1504 रूट किलोमीटर का पूरा खंड दिसंबर 2021 तक चालू करने का लक्ष्य है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि अब पर्याप्त डीएफसी रूट के पूरे होने के साथ ही, हमें भारतीय रेल के फीडर मार्गों को डीएफसी और भारतीय रेल के बीच यातायात के सुचारू संचालन के लिए तैयार करने के साथ-साथ 25 टन एक्सल लोड के मूवमेंट के लिए सभी फीडर मार्गों को तैयार करना होगा क्योंकि डीएफसी 25 टन का एक्सल लोड ले जाने के लिए उपयुक्त हैं और इसके द्वारा ट्रैफिक थ्रूपुट को अधिकतम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि डीएफसी डबल स्टैक कंटेनर चलाने में सक्षम होगा और हमारे फीडर मार्गों पर डबल स्टैक कंटेनर चलाने की फीज़बिलटी भी चेक की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जोनल रेलवे में एक कमेटी बनाई जाए और फिजिबिलिटी चेकिंग की प्रगति की सूक्ष्मता से मॉनिटरिंग की जाए। रेलवे और डीएफसी ने डबल स्टैक कंटेनर चलाने की योजना बनाई है, इसमें पहला कंटेनर – आईएसओ मानक कंटेनर होगा, जबकि ऊपर वाला कंटेनर छोटा कंटेनर होगा, ताकि ओएचई, एफओबी, आरओबी आदि की मौजूदा ऊंचाई में किसी भी बड़े बदलाव से बचा जा सके। बड़े कंटेनर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय आईएसओ आकार के होते हैं ताकि इनका आसानी से विभिन्न शिपिंग लाइनों, रेलवे और सड़क परिवहन में प्रयोग किया जा सके, जबकि छोटा कंटेनर जो दूसरे स्टैक पर प्रयोग किया जाना है केवल भारतीय रेल और डीएफसी मार्गों पर परिवहन के लिए उपयोग किया जाएगा और अंत में इनको जहाजों को लोड करने से पहले इसकी सामग्री को मानक आईएसओ कंटेनर में स्थानांतरित करना होगा। यह डबल स्टैक कंटेनर चलाने से मालगाड़ी की समान लंबाई के साथ न्यूनतम 1.5 गुना थ्रूपुट बढ़ जाएगा। भारतीय रेल मौजूदा ओएचई और अन्य संरचनाओं के साथ ही ऐसे छोटे कंटेनरों का उपयोग करने के वाली दुनिया में पहली रेलवे बन जाएगी।
महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री राजीव चौधरी, जो महाप्रबंधक उत्तर रेलवे का प्रभार भी देख रहे हैं, ने रेलवे बोर्ड और डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों को आश्वस्त किया कि कनेक्टिविटी, फीडर मार्गों आदि से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कार्य उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे में सही प्रकार से प्रगति पर हैं। डीएफसी मार्गों को भारतीय रेलवे के मौजूदा ट्रैक से जोड़ने के लिए आवश्यक सभी कार्यों को ज़ोनल रेलवे द्वारा समय से पूरा कर दिया जाएगा। उत्तर मध्य रेलवे में भदान -खुर्जा के बीच डीएफसी मार्ग पहले ही चालू हो चुका है और अक्टूबर 2019 में खुलने के बाद से अबतक 850 से अधिक मालगाड़ियां पहले ही चलाई जा चुकी हैं।
महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे श्री राजीव चौधरी ने रेलवे बोर्ड को सूचित किया कि भाऊपुर में कनेक्टिविटी का काम मार्च –2020 तक पूरा हो जाएगा और प्रबंध निदेशक डीएफसी को कहा कि वे भाऊपुर-पं. दीन दयाल उपाध्याय के बीच डीएफसी रूट कमीशन करने का प्लान सबमिट करें ताकि यह खंड भी समय पर पूरा किया जा सके। श्री चौधरी ने कहा कि पूरी तरह से दादरी – पं. दीन दयाल उपाध्याय जं खंड पर एक बार डीएफसी का कार्य पूरा हो जाएगा तो अधिकांश मालगाड़ियॉ उस मार्ग पर चलेंगी और गाज़ियाबाद– पं दीन दयाल उपाध्याय जं खंड का मौजूदा भारतीय रेल मार्ग यात्री ट्रेनों को कुशलतापूर्वक परिचालन के लिए उपयोग किया जा सकेगा तथा इस महत्वपूर्ण मार्ग पर अतिरिक्त यात्री ट्रेनें भी चलाई जा सकेंगी।
उत्तर मध्य रेलवे डीएफसी मार्ग को कमीशन करने और माल गाड़ियों के परिचालन में संबंध भारतीय रेलवे की शीर्ष ज़ोनल रेल है। समीक्षा बैठक के दौरान डीएफसी अधिकारियों द्वारा बिजनेस प्लान पर भी एक प्रस्तुति भी दी गई। डीएफसी द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययन के अनुसार यातायात प्रक्षेपण निम्नलिखित हैं:अध्यक्ष रेलवे बोर्ड ने निर्देशित किया कि डीएफसी और भारतीय रेलवे दोनों को लक्षित यातायात प्रोजेक्शन को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयासों को करना होगा ताकि इससे न केवल रेलवे और डीएफसी को लाभ हो बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की भी समग्र प्रगति में मदद मिले।