अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है, जिस दिन आप बिना मुहूर्त देखें कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। इस दिन को ‘आखा तीज’ भी कहते हैं। वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन जातक को सुबह जल्दी उठकर, नित्य कार्यों से निवृत होकर भगवान का ध्यान कर ‘ॐ’ का उच्चारण करना चाहिए। इसके पश्चात सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
सूर्य नमस्कार करने से जातक को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है। साथ ही मन को शांति मिलती है। अगर अक्षय तृतीया के दिन काम अधिक है, तो जब भी समय मिले। उस समय मन ही मन ‘ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर पर गेहूं और चने की दाल का दान करें। साथ ही जरूरतमंदों की सहायता करें और भूखे को भोजन दें। ऐसा करना कल्याणकारी समझा जाता है। इस दिन नए कपड़े, आभूषण, सोना, वाहन आदि खरीदने से घर मे बरकत होती है। धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन किया हुआ दान आने वाले जन्मों में लाभदायक होता है। अगर जातक वाहन खरीदने की सोच रहे हैं, तो अक्षय तृतीया के दिन सफेद रंग का वाहन खरीदें।
अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी माता को पूजा में श्वेत रंग का कमल अर्पित करने से धन में तेजी से वृद्धि होती है। शादीशुदा लोगों को अपने जीवनसाथी का आदर और सम्मान करना चाहिए। इस दिन अपने पार्टनर को कोई मनपसंद गिफ्ट जरूर दें।
इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी सकारात्मक कार्य कर सकते हैं। सनातन धर्म में अक्षय तृतीया से विवाह कार्य शुरू होते हैं। आज के दिन किया हुआ गृह-प्रवेश पवित्र माना जाता है। वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी करने से घर में बरकत होती है। अक्षय तृतीया के दिन घर और वाहन आदि की खरीदारी करने से शुभ परिणाम प्राप्त होता है। इस दिन नवीन वस्त्र, आभूषण आदि धारण करना चाहिए।