इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति की बेटी सुकमावती ने अपने 70वें जन्मदिन पर इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। उन्होंने मंगलवार को इंडोनेशिया की सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाले राज्य बाली में हिंदू धर्म स्वीकार किया। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की तीसरी बेटी है। देश की पांचवी राष्ट्रपति मेघावती सुकर्णोपुत्री की बहन है। तीन वर्ष पहले इस्लाम की निंदा का आरोप लग चुका है। आखिर कौन है सुकमावती। सुकर्णोपुत्री सुकमावती क्या है विवादों से नाता। वर्ष 2018 में सुकर्णोपुत्री सुकमावती की एक कविता काफी वायरल हुई थी। यह कविता इस्लाम विरोधी है। कई समूहों ने उनकी तरफ से एक फैशन इवेंट में पेश की गई कविता को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। उन पर इस्लाम धर्म को बदनाम करने का भी आरोप लगा था। देश में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों ने इस कविता का विरोध किया था। कई इस्लामिक समूहों ने उनके खिलाफ ईशनिंदा की शिकायत की थी। इन समूहों ने उन पर कविता के जरिए शरिया कानून, हिजाब की आलोचना करने और मुस्लिमों से प्रार्थना करने की अपील करने का आरोप लगाया था। इन समूहों ने उन पर कविता के जरिए शरिया कानून, हिजाब की आलोचना करने और मुस्लिमों से प्रार्थना करने की अपील करने का आरोप लगाया था। इसके चलते पूर्व राष्ट्रपति की बेटी को आगे आकर माफी मांगनी पड़ गई थी।70 साल की सुकर्णोपुत्री के इस फैसले से देशभर में हैरानी जताई जा रही है। सुकर्णोपुत्री के इस फैसले के पीछे उनकी दिवंगत दादी बड़ी वजह मानी जा रही है। इंडोनेशिया की रिपोर्ट के मुताबिक सुकमावती के इस फैसले के पीछे उनकी दिवंगत दादी इदा अयू नयोमान राई श्रीमबेन की प्रेरणा है। वह खुद हिंदू धर्म में यकीन रखती थीं। मीडिया को सुकर्णोपुत्री के फैसले के बारे में बताते हुए उनके वकील ने ये भी दावा किया कि उन्हें हिंदू धर्म का ज्ञान है। वो हिंदू धर्मशास्त्र के सभी सिद्धांतों और अनुष्ठानों को जानती हैं।
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