हाईकोर्ट ने पूछा, डेंगू से बचाव के लिए क्या किया, क्या करेंगे, केंद्र से भी ब्योरा तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की किल्लत समेत चिकित्सा सुविधाओं की कमी के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार समेत लखनऊ के सीएमओ और नगर निगम से पूछा है कि डेंगू से बचाव और बुखार पर नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और क्या उठाए जाने हैं?

न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया। याचिका में डेंगू की रोकथाम समेत सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं का मुद्दा उठाया गया है। साथ ही उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण में मिली करोड़ों की एक्सपायर्ड दवाओं के उठाए गए मुद्दे पर राज्य सरकार से पूछा कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में दवाओं के इस्तेमाल, खरीद और प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है?

याची का कहना था कि वर्तमान में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। जबकि सरकारी अस्पतालों में मैनपावर, जांच व दवाओं की कमी है। इस पर कोर्ट ने सरकार से अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं के उच्चीकरण और प्लाज्मा की उपलब्धता को लेकर जवाब मांगा है। साथ ही शुक्रवार को एसीएस हेल्थ व एसीएस चिकित्सा शिक्षा, सीएमओ लखनऊ व नगर निगम से चिकित्सा सुविधाओं का पूरा ब्योरा तलब किया है।

केंद्र से भी ब्योरा तलब 
हाईकोर्ट ने अन्य मच्छरजनित बीमारियों जैसे चिकनगुनिया व वायरल आदि की रोकथाम को उठाए जाने वाले कदमों व अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की जानकारी भी संबंधित विभागों से मांगी है। इसके अलावा केंद्र के वकीलों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सेवा व लखनऊ के रेलवे अस्पताल प्रबंधन के सर्वोच्च अफसर से इन बीमारियों से पीड़ितों के इलाज के उपायों की जानकारी शुक्रवार को पेश करने को कहा।

Related posts

Leave a Comment