सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले जहां भी जाते वहां एक नया घोटाला मिलता। अपने घोटालों को, अपनी बेईमानी को छिपाने के लिए पिछली सरकारों ने सरकार के समानांतर हर जिले में कुछ सत्ताएं उभारी थी, उसी को कहते थे वन डिस्ट्रिक वन माफिया। हर जिले में एक माफिया उनका था। माफिया के सामने उनमें कंपकंपी छूटती। माफिया वहां पर अपनी व्यवस्था से संचालन करता था। वही दंगा भी करवाता था। सीएम योगी ने कहा, ‘इतना ही नहीं माफिया प्रदेश की संपत्तियों में भी लूट-खसोट करता था। ठेकों को हथियाता था, प्रदेश को अरजकता की ओर ढकेलता था, बेटी और व्यापारी के सामने भी पहचान का संकट खड़ा करता था। सरकार बदली, दंगा मुक्त हुआ। आज उत्तर प्रदेश माफिया मुक्त भी हो चुका है। प्रदेश की जनता बीमारी से मरती थी। अकेले पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफलाइटिस नाम की एक बीमारी थी। 40 साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई है इस बीमारी से। आपने किसी राजनेता को उन मासूम बच्चों की मौत पर कभी रोते हुए देखा है। किसी की आंखों में आंसू नहीं आया होगा, क्योंकि मासूम बच्चे वोट बैंक नहीं थे। ये मरने वाले जितने बच्चे थे, इनमें से 90-95 फीसदी आबादी अल्पसंख्यक या दलित समुदाय के थे।’ सीएम योगी ने आगे कहा, ‘उन बच्चों के लिए जिनकी आंखों में आंसू नहीं थे, कोई संवेदना नहीं थी, उस बीमारी के निदान के लिए कोई भी पिछली सरकार ने कार्य नहीं किया। वहीं, जब कोई दुर्दांत माफिया मरता था तो उनके लिए आंसू बहाने के लिए और उनके लिए लोग हाहाकार मचाते थे। आज इंसेफलाइटिस बीमारी पूरी तरह समाप्त हो गई है। उत्तर प्रदेश में अब वन डिस्ट्रिक वन माफिया नहीं, बल्कि अब वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज है।’
‘हर जिले में थी अलग सरकार’: वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया पर क्या बोले योगी, किसकी छूटती थी कंपकंपी
