सेहद आप की

घर के काम मे हाथ बटाये
 खुद से खुद का काम करे,
कपड़े बर्तन साफ सफाई
थोड़ा सुबह औऱ शाम करे
जब बहे पसीना तन से आप के
तब जाकर आराम करें ,आप सेहद का ध्यान धरे,,,,,,
आधा घण्टा खुद को दे और
आप थोड़ा व्यायाम करें ,  योग
से सारे रोग भगाए  , मेहनत सुबह
औऱ शाम करे, जब पसीना बहे आप के तन से तब आप आराम करे,आप सेहद का ध्यान धरे,,,,,
सारे धन से बड़ा धन ये तन हैं
इस तन रूपी धन का पूरा ध्यान
धरे, इसको चुस्त तन्दरुस्त रखे
आधा घण्टा व्यायाम करें,जब बहे पसीना आप के तन से तब आप आराम करें,आप सेहद का ध्यान धरे,,,,,,,,
तन जो स्वस्थ रहेगा आप का
तो मन से सीता राम भजे , तन
मन दोनों स्वस्थ रहे तो , शुबह
शाम हम जम कर सारे  काम
करे, जब बहे पसीना तन से आप के तब आप आराम करें,आप सेहद का ध्यान धरे,,,,,,,
रसिक तिवारी कहते भइया
सौ बातो की एक बात है, जो
सेहद आप की बनी रहे तो
सारी दुनिया आप के हाथ हैं,
मन मर्जी से जीवन जिये ये
इस जीवन की  सब से बड़ी एक  बात है,जब बहे पसीना तन से आप के तब आप आराम करें, आप अपने सेहद का ध्यान धरे,,,,,,,,
कवी : रमेश हरीशंकर तिवारी
            (    रसिक बनारसी  )

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