सेवार्थ विद्यार्थी, समाजसेवी संगठन के रूप में कार्य कर रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य है मानव की सेवा करना एवम् अपने समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े यक्ति को शिक्षित करना, इस माध्यम से इस लक्ष्य के साथ बस्ती की पाठशाला चलती है जिससे विभिन्न छात्रों एवं छात्राओं जिनको शिक्षा नहीं मिल पाती है उनको शिक्षित करने का कार्य किया जाता है, साथ में एक संकलन अभियान चलाया जाता है, जिसमें हम कॉपियों में बचे हुए कुछ पन्ने को निकाल कर इकट्ठा करके, “वन पेन वन नोटबुक” डिस्ट्रीब्यूशन अभियान चलाते हैं, जिससे माध्यम से पठन-पाठन सामग्री से वंचित विद्यार्थियों शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाती हैं। जल्द ही पूरे देश में एक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा, कि भारत का हर एक बच्चा शिक्षित होगा। मानव सेवा से संबंधित सभी कार्यों को सेवार्थ विद्यार्थी करती है, साथ में जीवनम अभियान के तहत जगह जगह ब्लड डोनेशन कराया जाता है, सेवार्थ विद्यार्थी के कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं जैसे मंदिरों में श्रद्धालियों को उचित स्थान तक पहुंचाने का कार्य करती है।
सेवार्थ विद्यार्थी द्वारा संचालित बस्ती की पाठशाला कार्यक्रम में उपस्थित समस्त लोगों द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई एवं उपस्थित समस्त लोगों को संविधान निर्माता डॉ० भीमराव अंबेडकर जी के बारे में बताया गया, आज पूरे देश में बाबा साहब डॉ०भीमराव अंबेडकर की 134वी जयंती मनाई जा रही है। डॉ० अंबेडकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद के सुधारो में भी अहम योगदान दिया है, इसके अलावा बाबासाहेब ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उनके जीवन को जानने पर पता चलता है कि भीमराव अंबेडकर अध्ययनशील और कर्मठ व्यक्ति थे, अपनी पढ़ाई के दौरान इन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति, कानून, दर्शनशास्त्र और समाजशास्त्र इत्यादि विषयों का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समानता, भाईचारे और मानवता के लिए समर्पित कर दिया। इन्होंने दलित वर्ग के उत्थान के लिए भरसक प्रयास किए।
बस्ती की पाठशाला कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवार्थ विद्यार्थी, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संयोजक “सचिन सिंह राजकुमार” ने कहा कि डॉ० भीमराव अंबेडकर ने देश में व्याप्त छुआ-छूत को मिटाने के लिए तमाम संघर्ष किये। समाज के वंचित वर्गों को मुख्य धारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा। डॉ० अंबेडकर पूरी दुनिया में अपने त्याग, समर्पण, मानवतावादी दृष्टिकोण, शिक्षा संगठन और संघर्ष की बदौलत जाने जाते हैं। देश के गरीब, शोषित, वंचित तथा उपेक्षित समाज के प्रति उनके त्याग को कभी बुलाया नहीं जा सकता।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर अंशु अग्रवाल मैम एवं डॉ मनीष श्रीवास्तव, महानगर अध्यक्ष, अभाविप, प्रयाग महानगर साथ में सचिन पटेल, महानगर एसएफएस सयोंजक, उत्कर्ष मिश्रा, हिमांशु पाण्डेय, सैयद मोहम्मद आतिफ, रुद्रा सिंह, विनायक यादव एवं शुभांशु सिंह यादव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।