मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म की दिव्यता और विराटता का प्रतीक है। दुनिया में कोई ऐसा मत, संप्रदाय नहीं, जहां निश्चित समय में 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था जताई हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को प्रयागराज में कांची कामकोटि पीठ की ओर से आयोजित महाकुंभ मेला महाेत्सव के दाैरान संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने महाकुंभ नगर में महामंडलेश्वर संतोषाचार्य महाराज सहित अन्य साधु-संतों से भेंट की।थ ही महाशिवरात्रि पर 26 को होने वाले स्नान पर्व के लिए तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को व्यवस्थाएं चाक चाैबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में अब तक विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी स्नान कर चुके हैं, जो सनातन संस्कृति की अद्वितीय आस्था और शक्ति को दर्शाता है। सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म और महाकुंभ से जुड़े हर आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए उनकी सरकार संकल्पबद्ध है।
उन्होंने कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस पूज्य पीठ की परंपरा ने सनातन धर्म के जनजागरण और अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब भी सनातन धर्म के सामने कोई संकट आया, कांची पीठ ने आगे बढ़कर उसका समाधान किया। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन हो या नेपाल संकट, इस पीठ ने सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं। इस दौरान उन्होंने कांची पीठ के पूर्व शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर आरती उतारी।
शंकराचार्य ने कहा कि यह अद्वैत कुंभ
शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने कहा कि सनातन संस्कृति ही विश्व की आदर्श संस्कृति है और महाकुंभ इसका जीवंत प्रमाण है। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बात के लिए भी सराहना की कि प्रयागराज के प्राचीन नाम को उन्होंने दोबारा स्थापित किया। शंकराचार्य ने महाकुंभ को एकता का कुंभ बताते हुए इसे अद्वैत कुंभ कहा।