इस समय पितृपक्ष चल रहे हैं। पितृपक्ष में पितरों का पूजन और तर्पण किया जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान सभी पितर पृथ्वी लोक पर वास करते हैं। इस साल 10 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हुई थी, जिसका समापन 25 सितंबर को होगा। आश्विन माह की अमावस्या तिथि को पितृ पक्ष का समापन होता है, जिसे सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। 25 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है। पितृपक्ष के दिनों में लोग कई विशेष उपाय करके अपने पूर्वजों को प्रसन्न करते हैं, जिससे उनके घर में पितृ दोष न हो और सुख समृद्धि बनी रहे। लेकिन यदि आप किसी कारण इस दौरान तर्पण या पितृ शांति के उपाय नहीं कर पाए हैं तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन कुछ उपाय कर सकते हैं। चलिए जानते हैं सर्व पितृ अमावस्या से जुड़े विशेष उपायों के बारे में…
पीपल के पेड़ की पूजा
ज्योतिष शास्त्र की माने तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसे में इस दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। इससे पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
तर्पण करना
पितृपक्ष के दौरान यदि आप पितरों को तर्पण नहीं दे पाए हैं, तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन तर्पण कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
दान करने से पुण्य की प्राप्ति
सर्व पितृ अमावस्या पर दान करना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसी तरह चांदी का दान सबसे उत्तम माना जाता है। इससे पितृ संतुष्ट होते हैं।
ब्राह्मण को कराएं भोज
सर्व पितृ अमावस्या पर पूर्वजों के नाम से भोजन निकालें और किसी खुले स्थान या घर की छत में रख दें। इसके अलावा सर्व पितृ अमावस्या के दिन ब्राह्मण को घर में बुलाकर भोज कराएं। उन्हें वस्त्र और दक्षिणा देते हुए सम्मानपूर्वक विदा करें।