समाज मानसिक रूप से विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को कमजोर न समझे : एसीएमओ

प्रयागराज ! जनपद के जॉनसनगंज स्थित शंकर लाल श्रीवास्तव सेवा भवन के सभागार में एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ । कार्यक्रम का आयोजन भगिनी वेलफेयर सोसाइटी व जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में  किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व अन्य  ने  दीप-प्रज्वलित कर किया । कार्यक्रम में मानसिक तौर पर  विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों ने मनमोहक प्रयास से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सामाजिक संदेश दिए। मुख्य अतिथि विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी  ने दिव्यांग बच्चों को सरकार की तरफ से हर मुमकिन सहायता प्रदान करने की बात कही|
गणेश वंदना व स्वागत गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुवात हुई। मुख्य अतिथि डॉ वी के मिश्रा (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) ने बच्चों के प्रयास की सराहना की व कहा कि “समाज मानसिक रूप से विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को कमजोर न  समझे, इनमें भी इतिहास लिखने व बदलने की  क्षमता है। इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इन्हें सहानुभूति की नहीं बल्कि उचित मार्गदर्शन व इनके भरोसे को जीतने की आवश्यकता है। प्रयागराज की जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम इस पूरे सप्ताह हर दिन अलग-अलग  कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।  दिव्यांग बच्चों का प्रमाणीकरण जिले स्तर पर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर  जाकर टीम द्वारा किया जा रहा है। सभी से अनुरोध हैं कि जितना लाभ हो सकता है आम जनमानस उठाने की कोशिश करें।“
मुख्य अतिथि डॉक्टर इंदु कनौजिया मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय ने बताया कि उन्हें बहुत गौरव और हर्ष हो रहा है कि आज इन बच्चों के बीच उन्हें आने का मौका मिला और कार्यक्रम में उन्हें जानने समझने  का अवसर प्राप्त हुआ l
डॉ पुष्पा पाल स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं डायरेक्टर एमजीएम हॉस्पिटल ने बताया कि ‘दिव्यांगता के क्षेत्र में हम सभी को मिलजुल कर काम करने की जरूरत है तभी हम इस परेशानी का सामना संयुक्त रूप से कर पाएंगे।‘
डॉ राकेश कुमार पासवान मनोचिकित्सक परामर्शदाता ने बताया कि हमारी टीम लगातार स्वास्थ्य  पर काम करती जा रही है और आगे भी करेगी। इस कार्यक्रम में डॉ अजय कुमार मिश्रा मनोचिकित्सक परामर्शदाता ने सभी दिव्यांग बच्चों को उपहार भेंट किए ।  इसमें   30 विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों ने भाग लिया 60 से अधिक माता-पिता ने बच्चों का साथ दिया।

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