सत्गुरू की महिमा अनन्त है, इसे प्रकट नहीं किया जा सकता: संत कुड़ियाल

प्रयागराज। सत्गुरू की महिमा अनन्त है, इसे जिह्वा द्वारा नहीं गाया जा सकता, शब्दों द्वारा प्रकट नहीं किया जा सकता। संसार का हर पदार्थ, हर वस्तु इसके समक्ष अर्पण कर दें, तब भी प्रभु के आगे सब कुछ बौना है।
क्त विचार निरंकारी संत महादेव कुड़ियाल ने माघ मेला क्षेत्र के सेक्टर दो परेड ग्राउण्ड, लाल सड़क स्थित निरंकारी शिविर में गुरूवार की दोपहर विशेष सत्संग के दौरान श्रद्धालुओं के बीच व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में सत्गुरू द्वारा आत्माओं को काल चक्र से निकाला जाता है। सत्गुरू पहले अपने अविनाशी, निर्मल व अडोल रूप का दर्शन कराता है। जिससे आत्मा अपने संचित कर्मों से मुक्त हो जाती है। सत्गुरू प्रारब्ध को अच्छा बनाने के लिए भक्ति का दान देता है और जो प्राणी सत्गुरू के बताये मार्ग पर चलते हुए भक्ति करता है, उसका सत्गुरू स्वयं पालन एवं रक्षा करने लगता है। इस प्रकार संचित व प्रारब्ध, दोनो कर्मों को समाप्त कर मन को निर्मल करता है और आत्मा को उसके परम धाम पहुंचा देता है अर्थात् मुक्ति प्रदान करता है, इस हेतु अन्य कोई मार्ग नहीं है।
स्थानीय जोनल इंचार्ज अशोक कुमार सचदेव ने अतिथियों एवं श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए बताया कि निरंकारी शिविर 16 जनवरी से प्रतिदिन सुबह 7.30 से 9 बजे तक एवं शाम 5 से 7 बजे तक सत्संग होता है। इसके पूर्व आये उत्तराखण्ड, देहरादून के केन्द्रीय प्रचारक महात्मा राजीव बिजलवान की अध्यक्षता में सत्संग की अमृत वर्षा के रूप में निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का पावन सन्देश जनमानस को दिया जा रहा था। जो कि 26 जनवरी तक महात्मा जी की अध्यक्षता में सत्संग की अमृत वर्षा होती रही। अब पुनः 27 जनवरी से निरन्तर इसी रूप में उत्तराखण्ड ऋषिकेश से आये केन्द्रीय प्रचारक महात्मा महादेव कुड़ियाल की अध्यक्षता में सत्संग की अमृत वर्षा हो रही है, जो 6 फरवरी समापन अवसर तक इसी रूप में होती रहेगी।
उन्होंने कहा कि यहां पर सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा माघ मेला स्नानार्थियों एवं कल्पवासियों के लिए निःशुल्क डिस्पेंसरी भी स्थापित किया गया है, जहां निःशुल्क इलाज एवं दवा वितरण तथा 24 घण्टे मरीजों को देखा जा रहा है। जिसमें अब तक 4800 से ज्यादा मरीजों को देखा जा चुका है। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप ने किया।

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